COVID-19 (कोरोना वायरस) के दौरान, आप अपने विद्यार्थियों के साथ किस प्रकार संपर्क में रहे? आपने अपने शिक्षण में क्या मुख्य बदलाव किए? अपने अनुभव साझा करें।
कोरोना काल में मोबाइल फोन के द्वारा ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर विद्यार्थियों के संपर्क में रही। जिनके पास मोबाइल नहीं था उनके दोस्तों से बात कर अन्य विद्यार्थियों की कुशलक्षेम जाना।
कोरोना काल मे राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देशो की पालना करते हुए विद्यार्थियों से डिजिटल माध्यम SMILE 3.0 से शिक्षण सामग्री पहुचाई वेवन घर घर जाकर ऑफ लाइन छात्रों को अध्यापन कोरोना गाइडलाइन की पालना में किया।
कोविड -19 वैश्विक महामारी के कारण कोरोना काल में स्मार्टफोन के द्वारा ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की गई जिन विधार्थियों के पास मोबाइल नहीं था उनके पडोसियों व उनके दोस्तों से दूरभाष के विभिन्न माध्बायमों संपर्क कर विधार्थियों को आनलाइन शिक्षा ग्रहण करने में सहयोग की अपेक्षा की गयी ।
कोविड -19 वैश्विक महामारी के कारण कोरोना काल में स्मार्टफोन के द्वारा ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की गई जिन विधार्थियों के पास मोबाइल नहीं था उनके पडोसियों व उनके दोस्तों से दूरभाष के विभिन्न माध्यमो से संपर्क कर विधार्थियों को आनलाइन शिक्षा ग्रहण करने में सहयोग की अपेक्षा की गयी ।
कोरोना काल में मोबाइल फोन के द्वारा ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर विद्यार्थियों के संपर्क में रहा। जिनके पास मोबाइल नहीं था उनके दोस्तों से बात कर अन्य विद्यार्थियों की कुशलक्षेम जाना।
करोना काल में मेरे द्वारा बच्चों से और उनके अभिभावकों से सतत संपर्क रखा गया । प्रारंभ में कठिनाइयां आईं क्योंकि सब के पास मोबाइल नहीं था पहले पहल बच्चों को जिनके पास स्मार्टफोन था उनके द्वारा अन्य साथी छात्रों को सहयोग करवाया और relatives_neighbours से भी सहयोग करवाया। कुछ नोट्स बनाए गए कुछ बच्चों के लिए प्रिंट निकाल कर रखेऔर उनमें वितरण भी किये। फिर जब सभी के ग्रुप्स बन गए तो व्हाट्सएप पर व्हाट्सएप ग्रुप वीडियो कॉलिंग (जो मेरे द्वारा मेरे विषय का एक अलग से ग्रुप बनाया गया था) के द्वारा घर से शिक्षण कार्यकरवाया गया। घर पर ब्लैकबोर्ड डस्टर और दूसरे टीचिंग एड्स (फोन कॉल पर स्टेशनर्स द्वारा) मंगवाए गए whatsapp vc में क्लास रूम का एक छोटा सा environment बनाकर 5–5 बच्चों को ग्रुप कॉलिंग पर मेरा शिक्षण कार्य जारी रखा। चूंकि करोना काल इतनी बड़ी महामारी में लोगों के काम धंधे बंद हो गए थे ऐसे में कुछ बच्चों के घर जाकर संपर्क भी किया गया और उनके माता-पिता को संबल प्रदान किया गया और बच्चे अपना अध्ययन ऑनलाइन भी जारी कर पाए तो कुछ दिन प्रत्येक कक्षा के कुछ आसपास जो बच्चे रहते थे (एक दूसरे के) एक–एक दिन तय करके प्रत्येक समूह को अपना पर्सनल मोबाइल देकर यूट्यूब पर e–contents देखने में सहयोग किया और शिक्षा का क्रम जारी रखा और बच्चों ने पॉजिटिव रिस्पांस दिया बच्चों ने यूट्यूब मीडिया के कार्यक्रम जो उनको बहुत भारी लग रहे थे धीरे-धीरे कार्यक्रम से अपना अध्ययन करने में वे सहज होने लग गए और मुझे बहुत खुशी हुई कि मैंने अपनी तरफ से 100% दिया भले ही वह कुछ प्रतिशत ही था पर यह प्रयास काम करते गए। इसी दौरान मैंने बच्चों को गूगल में browse करके पिक्चर्स के रूप में उस कंटेंट को देखना सिखाया जिससे अध्ययन में उनकी रुचि और बड़ी । जिन–जिन बच्चों को e-content नहीं मिल पा रहे थे या जो मीडिया से भी नहीं समझ पा रहे थे तो उनको कुछ वैसे ही images color प्रिंट घर से निकाल कर भी अपनी तरफ से मैंने उन्हें सॉफ्ट कॉपी प्रदान की और बच्चों में शिक्षा का क्रम जारी रखा। प्रारंभ मैं थोड़ी सी परेशानियां आई परंतु मुझे खुशी है कि मेरे कुछ छोटे-छोटे प्रयास शिक्षा के क्रम को जारी रखने में मुझे सफलता दे गए आज भी कुछ बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता उन्हें मोबाइल दिला नहीं सकते या उन्हें रात में अपने काम धंधे से लौटने के पश्चात मोबाइल दे पाते हैं और चूंकि बच्चे पहाड़ी स्थानों पर रह रहे हैं जहां पर नेटवर्क की गति नहीं है तो वह अपनी परेशानियों का हल निकालने के लिए मेरे पास आते हैं और मुझसे मेरा मोबाइल मांग कर लेकर जाते हैं कुछ देर के लिए और वापस लौटा देते हैं बहुत खुशी हुई कि इसमें उनके माता-पिता का , अभिभावकों का भी मुझे सहयोग मिला और thanks to the families कि फिर कठिनाइयां नहीं आई। शिक्षा का क्रम जारी रहा। शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिगम के सभी online कार्यक्रम छात्रों से साझा किए उनको प्रत्येक प्रोग्राम में भाग लेने हेतु सतत् प्रेरित किया (स्वयं द्वारा निर्मित art & craft से संबंधित कुछ videos n images share की)
सबसे पहले छात्राओं के फोन नंबर येन केन प्रकारेण लेकर, class wise, group banaye. Whatsapp videocall se contact बनाए रखा, सभी से संपर्क किसी न किसी रूप में बनाए रखा. ऑडियो-वीडियो भी share किए.
नमस्कार जी, मैने मेरे विद्यार्थियों से संपर्क सूत्र के माध्यम से जैसे मोबाइल फोन से संपर्क रखा एवम ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण कोरोना की पूर्ण सावधानियों को मद्देनजर रखते हुए उनसे मिलकर भी उनके शिक्षण को जाना और आगामी योजनाओं से उन्हे परिचित करवाते हुए उन्हें शिक्षा से जोड़े रखने का प्रयास किया...
मैने मेरे विद्यार्थियों से मोबाइल फोन से संपर्क रखा एवम ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण कोरोना की पूर्ण सावधानियों को मद्देनजर रखते हुए उनसे मिलकर भी उनके शिक्षण को जाना और आगामी योजनाओं से उन्हे परिचित करवाते हुए उन्हें शिक्षा से जोड़े रखने का प्रयास किया..स्माइल कंटेंट को whatsapp ग्रुप्स में शेयर किया तथा वीकली क्विज करने को प्रेरित किया
कोरोना काल में वट्सऐप ग्रुप के माध्यम से अपने विद्यार्थियों के सम्पर्क में रहा तथा पीडीएफ, वीडियोज, जेपीईजी फाइल्स एवं टेलीफोनिक माध्यम के द्वारा आँनलाइन शिक्षण जारी रखा। जिन छात्रों के पास मोबाइल फोन की सुविधा नहीं थी, उन्हें उनके सहपाठियों के माध्यम से शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई गई।
कोविड-19 के दौरान बच्चों के शिक्षण शिक्षण अधिगम स्तर पर काफी प्रभाव पड़ा है लेकिन फिर भी शिक्षकों और विद्यालय गतिविधियों को संचालित करने में कोरोना का एक लाइन का उपयोग करते हुए बच्चों के शिक्षण अधिगम में सहायता के लिए हम सब ने मिलजुल कर के प्रयास किए हैं विशेष रूप से ऑनलाइन शिक्षण के संदर्भ में विद्यार्थियों में डिजिटल टेक्नोलॉजी का समझ विकसित हुआ है लिंक को शेयर करना लिंक को लिंक को ओपन करना और उस में आने वाले क्विज और अन्य प्रकार की गतिविधियों पर अपना प्रत्युत्तर देना यह विद्यार्थियों में कुछ हद तक विकसित हुआ है
मैंने मेरे विद्यार्थियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और फोन से लगातार संपर्क में रहे एवं ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण s.o.p. की पूर्ण पालना करते हुए उनसे मिलकर भी उनके शिक्षण के बारे में जाना और आगामी योजना से अवगत कराने का प्रयास किया इस्माइल कंटेंट को ग्रुप में शेयर किया तथा व्हाट्सएप भी क्लिक यूज़ के लिए प्रेरित किया और उनका रजिस्ट्रेशन कराया।
This is the most crucial time for both students and teachers specially in remote areas where online teaching is just a dream and reaching to all students is really difficult but inspite of all this teaching learning process had new innovative learning methods
कोरोनाकाल में मैंने आनलाइन माध्यम से अपने विद्यार्थियों के सम्पर्क रहने का प्रयास किया किन्तु नेटवर्क की खराब व्यवस्था के कारण कई बार कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए भौतिक रूप से उनके घरों तक जाना पड़ा।
There is a spread of digital literacy among the students during the pandemic due to online teaching and learning. Teachers also learned a ton of information . New innovative approach in teaching are being employed and traditional rote learning takes a back seat with holistic approaches coming forward.
प्रारंभ में whatsapp के माध्यम से अध्ययन कराया परंतू whatsapp पर पांच विषयों की सामग्री आने के कारण विषय वस्तू ढूँढना छात्रों के लिए कठिन हो गया | तब गूगल साइट्स पर एक वेबसाइट का निर्माण किया
करोना कॉल में विभागीय निर्देशों का पालन करते हुए विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम जूम/ व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिक्षण किया गया तथा साथ ही गूगल फॉर्म में वर्कशीट करने को दी गई।
हमारे पास गरीब तबके के बच्चे पढ़ते हैं अतः ऑनलाइन तो सीख नहीं सकते अतः हम सभी शिक्षकों द्वारा कन्टेन्ट को प्रिन्ट कर छात्र छात्राओं के घरों तक पहुंचाया । अधिगम की पुष्टि हेतु बहुविकल्पी प्रश्न हल करवाये | जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन उपलब्ध थे उन्हें वाट्सप पर कन्टेन्ट साझा किया
कोरोना काल में विभागीय निर्देशों का पालन करते हुए विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम जूम /व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिक्षण कार्य किया गया तथा साथ ही गूगल फॉर्म में वर्कशीट करने को दी गई।
बच्चों के साथ ऑनलाइन संपर्क करते रहेl गूगल मीट के द्वारा बच्चों की पढ़ाई भी कर आते रहे l समय-समय पर बच्चों के लिए ऑनलाइन प्रश्नावली भी तैयार करने के बाद बच्चों को भेजते रहे l अधिकांश बच्चों में ऑनलाइन शिक्षण के प्रति एक सकारात्मक सोच पैदा हुई l
कोरोना काल के दौरान विद्यार्थियों के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इंटरनेट द्वारा निभाई गई है जिसमें हमने विद्यार्थियों को व्हाट्स एप गूगल मीट, जैसे एप के माध्यम से शिक्षण कार्य सुचारू रूप से कार्यरत रहा जिसमें विद्यार्थियों द्वारा भी पूर्ण प्रतिभाग किया गया।
कोरोना काल के दौरान विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यम से जैसे व्हाट्स एप,गूगल मीट आदि से सम्पर्क में रहे आडियो और वीडियो साथ स्वयं के द्वारा लिखित पाठ्य सामग्री तैयार कर उनको भेजते रहे।
कोविड-19 में छात्र-छात्राओं तक पहुंच बनाने के लिए विभिन्न तकनीकों का सहारा लिया गया हमारे द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए बच्चों को फोन किया गया और उनको व्हाट्सएप पर कार्य दिया गया कुछ क्लास है गूगल मीट पर भी चली है यूट्यूब चैनल क्रिएट किए गए आदि
विद्यालय के सभी बच्चों का कक्षा के अनुसार whatsapp group बनाये जिससे सभी बच्चों तक शिक्षण सामग्री पहुँच सके | इस ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से सभी बच्चों के सम्पर्क में रहे | इस group के माध्यम से शिक्षण सामग्री, गृहकार्य, quiz आदि कार्य बच्चे करते रहे जिससे उनकी शिक्षण प्रक्रिया बाधित नही हो |
Covid काल में बच्चों का कक्षावार whatsapp group बनाकर whatsapp के माध्यम से उन्हें पढ़ाया। उन्हें zoom meeting app तथा google meet download करवाकर विषय वस्तु समझाने का प्रयास किया गया। जो बच्चे इन माध्यमों से नहीं जुड़े थे उन्हें फोन करके शिक्षण कार्य एवं गृह कार्य की जानकारी दी गई ताकि वे सीखने की प्रक्रिया में शामिल रहें।
काल करके संपर्क बनाए हुए ऑनलाइन एप्प के माध्यम से विद्यार्थियों को पढाया और कक्षाओं को चलवाया।अध्यापक आओ घर से सीखें कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर सिखा रहे हैं।
कोविड के समय छात्र छात्राओं से सम्पर्क फोन काल से, वट्सऐप तथा गूगल मीट के माध्यम से किया गया | शिक्षण में आनलाइन माध्यमों का प्रयोग किया गया... वट्सऐप के माध्यम से तथा वर्कशीट के द्वारा शिक्षण कार्य किया गया| छात्रों को स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से नियमित कक्षा लेने हेतु प्रोत्साहित किया गया.
Madan lal sahu covid के दोरान कक्षावार watsup group बनाकर बच्चो को पढा़या और काँल करके समस्या का समाधान किया जिन बच्चो के पास फोन नही था उन्हे घर जाकर पढा़या!
कोरोना काल के दौरान निदेशालय द्वारा दिये गए निर्देशों के तहत अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यमों से नियमित सम्पर्क में रही। जिसके तहत SMILE 3 के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित अध्यापन कार्य करवाया गया। वाट्सएप्प पर विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर उन्हें pdf file, video, quiz आदि माध्यमों द्वारा प्रतिदिन अध्यापन कार्यों से जोड़े रखा।
मैं अपने विद्यार्थियों से कोरोना काल में ऑनलाइन व्हाट्सएप्प के माध्यम से जुड़ी रही और शिक्षण सामग्री का वितरण किया । विद्यार्थी स्वयं को इस महामारी से बचाते हुए अन्य लोगों की किस प्रकार मदद कर सकते है इसके प्रति उन्हें जागरूक किया। जिन बच्चों के पास फ़ोन उपलब्ध नहीं थे ,उन्हें उनके अन्य साथियों के माध्यम से शिक्षण सामग्री तथा अन्य जानकारी पहुंचाई गई और कुशलक्षेम जानी।
Corona काल के दौरान छात्रों के लिए youTube channle बना कर वीडियो बना कर upload kiye gaye.. ताकि गांवों के छात्रों को कम internat खर्च करने से भी पढाई करवाई जा सके.aur link what's app group मे share kiye गये
कोविड-19 के दौरान मैंने अपने छात्रों से ऑडियो वीडियो में पीडीएफ बनाकर शिक्षण कार्य करके उनसे संपर्क किया जिन छात्रों के पास फोन सुविधा नहीं थी उन छात्रों को अन्य ऐसे छात्रों के साथ जोड़कर जिनके पास फोन सुविधाएं थी उनसे संपर्क किया उन्हें शिक्षण कार्य का लाभ दिलाया
During COVID 19 I remained in contact with my each and every student. I used to conduct my physics classes on whats app. I shared several videos with them and encouraged them to syudy through TV programes if they did not have smart phone.
During COVID 19 I remained in contact with my each and every student. I used to conduct my physics classes on whats app. I shared several videos with them and encouraged them to study through TV programes if they did not have smart phones.
During covid 19 I had taken the classes and get connected to students through a digital platform called teachmint Where I used to take the classes by organising various activity based tests and providing assignment, worksheets and evaluating and appreciating at the same time..
Unknown31 July 2021 at 21:45 कोरोना काल मे राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देशो की पालना करते हुए विद्यार्थियों से डिजिटल माध्यम SMILE 3.0 से शिक्षण सामग्री पहुचाई वेवन घर घर जाकर ऑफ लाइन छात्रों को अध्यापन कोरोना गाइडलाइन की पालना में किया।
कोरोना काल के दौरान सरकार द्वारा दिए निर्देशों के अनुसार WhatsApp group ,YouTube, Google meet के द्वारा तथा दूरदर्शन पर विभिन्न पढाई से सम्वन्धित चैनलों से पढने के लिए प्रोत्साहित किया । जहां नेटवर्किंग नहीं थी वहां अन्य छात्रों की मदद से पढाई तथा गृहकार्य के लिए प्रोत्साहित किया ।
कोरोना वैश्विक महामारी के समय प्राथमिक कक्षा के बच्चो की शिक्षा पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है इन बच्चों को विभिन्न माध्यमों से तथा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शिक्षा से जोड़ा जाना प्रासंगिक हैं
कोरोना काल मे उत्तराखंड सरकार शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देशो का पालना करते हुए विद्यार्थियों से फोन के माध्यम से शिक्षण सामग्री पहुचाई। जिन बच्चो के पास स्मार्ट फोन नहीं थे उन बच्चों के दोस्तों के माध्यम से कार्य कराया।
कोविड-19 कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान विभागीय निर्देश का अनुपालन करते हुए शिक्षक विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षण देने के लिए व्हाट्सएप पर विषय वार छात्राओं का ग्रुप बनाया गया टेक्स्ट बुक का पीडीएफ सेंड किया गया जिन छात्राओं के पास नेटवर्क की सुविधा नहीं थी उन्हें अपने समेत दूसरी छात्राओं से मदद लेने के लिए प्रेरित किया गया तथा जिन घर में एक ही फोन था उन्हें विषय का ज्ञान देने के लिए वीडियो वॉइस मैसेज भेज कर पाठ समझाने की कोशिश की गई
कोरोना काल में छात्रों के साथ संपर्क में रहने के लिए सबसे पहले व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाये, शुरू में छात्रों को उसी के माध्यम से vedio बना कर भेजे गए पर कई तकनीकी वजह से छात्र उन्हें देख नही पाए। देखने के लिए छात्रों को पहले उसे डाउनलोड करना होता था जिस कारण मैन अपने vedio बना कर youtube में डालना शुरू किया और उसका लिंक छात्रों को भेज । हर माह ऑनलाइन टेस्ट के माध्यम से उनका मूल्यांकन किया जाता है। गूगल फॉर्म के द्वारा भी बच्चो के टेस्ट लिए गए।।। परंतु ग्रामीण परिवेश होने के कारण सभी छात्र उसका लाभ नही ले पाए ।। कुछ छात्र अपने करेबियों के फ़ोन से अपना काम पूरा करते।तो कुछ छात्रों को यह भी मौका नही मिल पाया। कुछ छात्रएं को वर्कशीट उपलब्ध कराई गई। अभी ब लगातार अपने शिक्षण में कुछ नया करने के लिए प्रयासरत रहते हैं जिससे हमारे बच्चो को फायदा मिल सके। छात्रों के साथ साथ हमने ब इस समय में बहुत कुछ सीखा है।
During COVID-19 pandemic I have connected to my students through phone calls, whats-app groups and zoom/google meetings. I used to share study material in print form through whats-app groups while online classes were organised through zoom/google meets. In zero network(internet) conditions, students were also asked to connect through phone calls to resolve their doubts and queries regarding the subject.
मैने मेरे विद्यार्थियों से संपर्क सूत्र के माध्यम से जैसे मोबाइल फोन से संपर्क रखा एवम ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण कोरोना की पूर्ण सावधानियों को मद्देनजर रखते हुए उनसे मिलकर भी उनके शिक्षण को जाना और आगामी योजनाओं से उन्हे परिचित करवाते हुए उन्हें शिक्षा से जोड़े रखने का प्रयास किया
कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान विभागीय निर्देशों का अनुपालन करते हुए बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण करवाया गया तथा जो बच्चे किसी कारण से ऑनलाइन शिक्षण में भाग नहीं ले पा रहे थे उनके घर पर उनसे संपर्क कर उन्हें ऑफलाइन शिक्षण करवाया गया।
created subjectwise whatapp group took online class using google meet ,those who were not having seperate phone had been provided with vedio and audio msg for better understanding
कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान विभागीय निर्देशों का अनुपालन करते हुए बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण करवाया गया तथा जो बच्चे किसी कारण से ऑनलाइन शिक्षण में भाग नहीं ले पा रहे थे उनके घर पर उनसे संपर्क कर उन्हें ऑफलाइन शिक्षण करवाया गया। ऑनलाइन शिक्षण से जुड़े बच्चों की समस्याओं का घर जाकर समाधान किया।
छात्र/छात्राओं से mobile, whatsapp group के माध्यम से सम्पर्क में रहकर समय समय पर उनके अभिभावको से सम्पर्क कर बच्चों का मार्गदर्शन किया, online शिक्षण का कार्य किया। online शिक्षण में एक नई बात यह है कि जो छात्र विद्यालय में कक्षा में प्रश्न पूछने में झिझकता है वह online शिक्षण में बिना किसी झिझक के बिना किसी डर संकोच के प्रश्न करता है। जो एक नई व अच्छी बात है
कोरोना काल में बच्चों से मोबाइल के माध्यम से संपर्क में रहे। तथा बच्चों को शिक्षा से जोड़ते रहे उनकी प्रगति पूछते रहे हैं यदि उन्हें कोई समस्या है तो उसका समाधान भी किया गया कर ही रहे हैं जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं है उनके पड़ोसी बच्चे जो उनके मित्र हैं उनसे संपर्क करके उन्हें भी पढ़ने के लिए प्रेरित किया
कोरोना कल में निदेशालय द्वारा दी गई गाइडलाइन के निर्देशों की पालना करते हुए व्हाट्सएप से बच्चों को कोरोना से बचने के लिए,परिवार को टीकाकरण के लिए जागरूक किया,स्माइल 3.0 द्वारा भेजी गई सामग्री बच्चों तक पंहुचने के लिए। कुछ बच्चों को जानकारी उनके दोस्तों से प्राप्त की ।
During corona period we made whatapp group of all classes.online classes taken through Google Meet and Zoom app.students who did not have smart phones the notes were given to their parents
कोरोना काल के दौरान विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यम से जैसे व्हाट्स एप,गूगल मीट आदि से सम्पर्क में रहे। आडियो और वीडियो के साथ स्वयं के द्वारा लिखित पाठ्य सामग्री तैयार कर शिक्षण कार्य किया। कोरोना के इस काल में विद्यार्थियों व उनके परिजनो के मानसिक मजबूती के लिये लगातार उनसे बातचीत के माध्यम से सम्पर्क में रहे और साथ ही जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभिभावक थे उन्हें आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता प्रदान की।
मेरे द्वारा बच्चों को ऑनलाइन और ऑफ लाइन पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया गया। जिनके पास एंड्रॉइड फोन थे उन्हें वीडियो, फोटो,मेसेजे-लिखित और वॉइस के द्वारा पढ़ाया गया और जिनके पास साधारण फोन थे उन्हें फोन पर बात करके और अभिभावकों से सम्पर्क किया व नोट्स दिये गए।जिनके पास किसी भी तरह का फोन नही था उनके पड़ोसियों के फोन से सम्पर्क करके एवम स्वयं उनसे मिलकर लिखित नोट्स देकर पढ़ाया गया।
कोरोना काल में बच्चों को ऑनलाइन अध्ययन करवाया गया एवं जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल उपलब्ध नहीं था उन्हें घर जाकर गृह कार्य दिया गया एवं स्माइल 3 के माध्यम से बच्चों को होमवर्क भेजा गया और कॉल करके समय-समय पर गृह कार्य पूर्ण करने की जानकारी ली गई
कक्षा में व्यक्तिक भिन्नता को दूर करने के लिए सर्वप्रथम छात्र को जानना बहुत जरूरी है उसे कहाँ परेशानी हो रही ही यह शिक्षक को मालूम होना आवश्यक है। मेरी कक्षा में कई बार ब्लैकबोर्ड पर लिखने के बाद भी मुझे व्यक्तिगत छात्र के पास जाकर उसकी कॉपी में जाकर उसे अलग तरीके से उसी प्रश्न को समझाने की आवश्यकता महसूस हुई है।
कोविड 19 19के दौरान विभागीय sop का पालन करते हुए बच्चों को विषय संबंधी जानकारी ऑनलाइन शिक्षण जैसे व्हाट्सएप ग्रुप , गूगल मीट के द्वारा प्रदान की गई। जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन नही था उनको अपने दोस्तो से संपर्क करने को कहा गया ताकि साथ मैं फोन के द्वारा पढ़ाई जारी रख सके। ऑनलाइन शिक्षण शिक्षक तथा बच्चों दोनो के लिए नया अनुभव रहा।
Due to covid 19 I'm teaching my students through watsapp group, making videos,sharing videos through you tube also, sending worksheet, but still I felt the lack of real classroom.
रोना काल मे राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देशो की पालना करते हुए विद्यार्थियों से डिजिटल माध्यम SMILE 3.0 से शिक्षण सामग्री पहुचाई वेवन घर घर जाकर ऑफ लाइन छात्रों को अध्यापन कोरोना गाइडलाइन की पालना में किया।
कोरोना काल के दौरान निदेशालय द्वारा दिये गए निर्देशों के तहत अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यमों से नियमित सम्पर्क में रही। जिसके तहत SMILE 3 के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित अध्यापन कार्य करवाया गया। वाट्सएप्प पर विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर उन्हें pdf file, video, quiz आदि माध्यमों द्वारा प्रतिदिन अध्यापन कार्यों से जोड़े रखा।
कोरोना वायरस के समय मैने अपनी कक्षा के छात्र/छात्राओं के whatsaap ग्रुप बनाये । उन ग्रुप के द्वारा मैने अधिगम जारी रखा और विद्यार्थियो के हाल चाल के बारे में भी जाना। साथ ही छात्र/छात्राओं को covid सम्बंधी व्यवहार के बारे में समय पर समझाते रहे। जिन बच्चों के पास मोबाईल नहीं था। उनके आस पास के छात्रों और आस पास व्यक्तियो से contact किया।
कोरोना काल के दौरान निदेशालय द्वारा दिये गए निर्देशों के तहत अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यमों से नियमित सम्पर्क में रहा। जिसके तहत व्हाट्सएप के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित अध्यापन कार्य करवाया गया। व्हाट्सएप पर विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर उन्हें pdf file, video, quiz आदि माध्यमों द्वारा प्रतिदिन अध्यापन कार्यों से जोड़े रखा।
कोविड 19 के दौरान विभागीय sop का पालन करते हुए बच्चों को विषय संबंधी जानकारी ऑनलाइन शिक्षण जैसे व्हाट्सएप ग्रुप , गूगल मीट के द्वारा प्रदान की गई। जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं था उनको अपने दोस्तों और पड़ोसियों से संपर्क करने को कहा गया ताकि फोन के द्वारा पढ़ाई जारी रख सके। छात्राओं को स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से नियमित कक्षा लेने हेतु प्रोत्साहित किया गया।ऑनलाइन शिक्षण, शिक्षक तथा बच्चों दोनों के लिए नया अनुभव रहा।
कोशिश काल में बच्चों को आनलाइन माध्यम से शिक्षण कार्य किया गया। बच्चों से व्हाट्स ऐप और गूगल मीट के माध्यम से बच्चों से संपर्क किया गया जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं थे उनसे उनके पड़ोसियों और मित्रों के माध्यम से संपर्क किया गया
कोविड 19 के दौरान विभागीय sop का पालन करते हुए बच्चों को विषय संबंधी जानकारी ऑनलाइन शिक्षण जैसे व्हाट्सएप ग्रुप , ई-कक्षा, स्माइल 2.0, स्माइल 3.0, के द्वारा प्रदान की गई। जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं था उनको अपने दोस्तों और पड़ोसियों से संपर्क करने को कहा गया ताकि फोन के द्वारा पढ़ाई जारी रख सके।उन्हें घर जाकर गृह कार्य दिया गया एवं स्माइल 3.0 के माध्यम से बच्चों को होमवर्क भेजा गया और कॉल करके समय-समय पर गृह कार्य पूर्ण करने की जानकारी ली गई। साथ ही टीवी पर छात्रों को शिक्षा दर्शन कार्यक्रम देखने तथा रेडियो पर शिक्षा वाणी कार्यक्रम सुनने के लिए प्रेरित किया गया सीडब्ल्यूएसएन छात्रों के लिए मिशन समर्थ व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उनको जोड़ा गया।
हम लोग का विद्यालय गांव के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है । जहां पर बच्चों या अभिभावकों के पास इंटरनेट या स्मार्टफोन या टीवी भी नहीं उपलब्ध है । ऐसी परिस्थितियों में कोविड महामारी के दौरान बहुत ही परेशानी महसूस हुई । फिर गांव में जिन लोगों के पास भी स्मार्टफोन था उनसे संपर्क कर उनके नंबरों पर बच्चों के व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं और कक्षा बार काम इस व्हाट्सएप के माध्यम से शेयर किया गया। जिस से बच्चे काम करके उसी मोबाइल के माध्यम से भेजते रहे । बीच-बीच में जब महामारी कुछ कम रही तब हमारे स्थानीय अध्यापक गांव में जाकर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बच्चों से स्वयं संपर्क कर शिक्षण कार्य को देखा।
व्हाट्सएप के माध्यम से बच्चों को जोड़कर शिक्षण कार्य करवाया गया तथा शिक्षण से संबंधित सामग्री को ग्रुप के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाया गया बच्चों का रेस्पॉन्स भी बहुत अच्छा रहा
Covid 19 के दौरान हमनें बच्चों को वॉट्सएप के माध्यम से और घर घर जाकर शिक्षण कार्य करवाया तथा इस परिस्थिति में भी अपना अध्ययन जारी रखने हेतु प्रेरित किया
कोरोना काल में शिक्षण को नियमित रूप से चलाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा एक स्माइल .3 प्रोग्राम चलाया जा रहा जिसके अंतर्गत घर-घर जाकर बच्चों से संपर्क करके उन्हें शिक्षा अध्ययन सामग्री पहुंचाई जा रही है
कोविड 19 के तहत शासन व विभाग द्वारा जारी निर्देशो का पालन करते हुए,छात्र/छात्राओ का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर विषयो से समन्धित जानकारी व ऑफ लाइन वर्क्शीट के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई।जिन छात्रों के पास मोबाइल फोन नही थे उन्हें उनके सहयोगियों से सम्पर्क में रहने के लिए कहा गया।
कोरोना काल मे राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देशो की पालना करते हुए विद्यार्थियों से डिजिटल माध्यम SMILE 3.0 से शिक्षण सामग्री पहुचाई व घर घर जाकर ऑफ लाइन छात्रों को अध्यापन कोरोना गाइडलाइन की पालना में किया।
I connected with students through Google Meet and whatsapp and took test via Google Classroom and guided them via voice call ,also told them about Swayam Prabha and Diksha App.
कोरोनावायरस के काल में हमने बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण सामग्री भेजकर उनके डाउट क्लियर की तथा सीखने और सिखाने की प्रक्रिया में हमने उनको आधुनिक तकनीकी के द्वारा सीखने की तरीकों पर जोर दिया तथा जिन बच्चों के पास मोबाइल फोन नहीं थे उनके घर घर जाकर संपर्क किया और पड़ोस के बच्चों के मोबाइल से उनको कनेक्ट करवाया
कोरोना के दौरान विद्यार्थियों के साथ व्हाट्सएप और फ़ोन के द्वारा सम्पर्क में रहे । कोरोना के कारण शिक्षा के स्तर में काफ़ी बदलाव आया, शिक्षा देने के तरीकों को नई दिशा मिली कक्षायें ऑनलाइन एवं व्हाट्सएप्प की द्वारा लगाई गई।
ऑनलाइन माध्यमों के द्वारा छात्रों से निरंतर सम्पर्क रहकर पठन -पाठन करवाते रहे । विद्यार्थियों की जो भी समस्या थी विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मस का उपयोग कर शंका समाधान किया ।
COVID-19 के दौरान मैंने बच्चों के उपलब्ध फोन नंबर पर संपर्क करके उनके व उनके परिचितों का हाल चाल पूछा। और उन्हें आश्वस्त किया कि किसी भी प्रकार भी परेशानी में हम स्वयं उनकी सहायता के लिए आएंगे। इसके साथ साथ हम उन्हें उनके पाठ्यक्रम के अनुसार गूगल मीट और वॉट्सएप के द्वारा अध्यापन करवाते रहे। कक्षा प्रारंभ होने से पहले हैं प्रतिदिन उनसे कुछ योगासन करवाते थे।
कोरोना काल में विद्यार्थियों से संपर्क हेतु सबसे महत्वपूर्ण माध्यम व्हाट्सएप रहा सभी कक्षाओं के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए स्माइल प्रोग्राम द्वारा प्राप्त शिक्षण सामग्री गृह कार्य को इस ग्रुप के माध्यम से छात्रों तक पहुंचाया गया जिन छात्रों के पास व्हाट्सएप उपलब्ध नहीं था उन्हें शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने के लिए मोहल्ले के अनुसार निर्धारित समय सारणी बनाकर शिक्षण सामग्री को ऑफलाइन घर तक पहुंचाया गया तथा वापस जांच कार्य हेतु इसी प्रकार समय सारणी बनाइ गई ताकि सरकार द्वारा प्राप्त निर्देश के अनुसार अध्ययन भी हो सके और छात्रों को कोरोना संक्रमित होने से बचाया जा सके
Covid-19 कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान मैंने अपने स्कूल के बच्चो को ऑनलाइन शिक्षण कार्य कराया ।उन्हें कोविड बिमारी के नियमो के विषय में जानकारी दी ।बच्चो से mask बनवाए। और जिन बच्चो के पास मोबाइल नहीं है उनसे उनके मित्रो के द्वारा संपर्क कर उन्हे भी पढ़ाया ।और उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित स्वयं प्रभा t.v. चैनल के माध्यम से भी शिक्षण कार्य पूर्ण करवाया ।ताकि बच्चे वैश्विक महामारी के दौरान घर पर रहकर ही शिक्षण कार्य करे तथा कुछ क्रियाकलाप करके अपने आप को व्यस्त रख सके।
कोरोना के दौरान हमने विद्यार्थियों के डिजिटल प्लेटफॉर्म का महत्व समझाया और साथ ही कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए स्वयं को शारीरिक व्यायाम व योगा व प्राणायाम द्वारा किस प्रकार स्वस्थ रखा जाता है ये समझाया ।
चरण सिंह, वरिष्ठ अध्यापक ( अंग्रेजी ) राजकीय उच्च माध्यामिक विद्यालय गोविंदगढ़ (अलवर)
कोविड़ 19 के समय हम अपने विद्यार्थियों से व्हाट्सएप के माध्यम से जुड़े रहे, तथा समय समय पर फोन कॉल, वीडियो कॉल आदि के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान करते रहे । इस दौरान हमने अपने शिक्षण में वीडियो, ऑडियो आदि तकनीकों को शामिल किया तथा छात्राओं को रोचक शिक्षा देने का प्रयास किया ।
फोन द्वारा बच्चों के संपर्क में रहे।उनकी पढ़ाई से सम्बन्धित परेशानियों को दूर किया। वॉट्सएप ग्रुप बनाए गए शिक्षण हेतु।माता पिता के संपर्क मै भी रहे।शिक्षाप्रद वीडियो भी भेजे गए।
During Covid -19 curfew we were connected with our students through mobile phone. We carried out our classes through whatsapp, utube, zoom classes, video clips and audio clips, important links of u tube, TV relays etc
मोबाइल के माध्यम से बच्चों के संपर्क में रहे एवं उनको शिक्षण सामग्री व्हाट्सएप के द्वारा भेजी गई तथा व्हाट्सएप पर ही उनके द्वारा किए गए गृह कार्य को मंगवाया गया
पुराना काल में शिक्षा व्यवस्था में बड़े ही आमूलचूल परिवर्तन किए हैं अधिक से अधिक बच्चों को ऑनलाइन कक्षा ग्रुप से जोड़ा गया है साथी स्टडी मटेरियल बच्चों को घर-घर पहुंचाया गया है ताकि उनकी पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा ना आए
कोरोना काल में मैंने कक्षा 11 व कक्षा 12 का WhatsApp group बना कर youtube पर अपने द्वारा lakhanpal chemistry classes नाम का चैनल बनाकर पढ़ाया। साथ ही सभी बच्चों को शिक्षण सामग्री दी। द्वारा- शंकर लखनपाल
कोरोना काल में बच्चों की विविधता का ध्यान रखा और डिजिटल कंटेंट भेजते रहे।बच्चों के पास मोबाइल नहीं हैं और यदि है तो नेट नहीं है।डिजिटल होने की दौड़ में हमारे बच्चे अभी शैशव अवस्था में है।
I CONTACT ALL THE STUDENTS WITH THE HELP OF MOBILE AND WHATSAP GROUP DURING COVID - 19 LOCKDOWN. I ALSO SHARE PREVIOUS YEAR PAPERS WITH STUDENTS WITH THE HELP OF GOOGLE MEET AND OTHER DIGITAL MODE. THANKS.
During Covid 19, I made separate Whatsapp groups for each class. Send audio - video clips of the topics. I made contact with students through Google meet and taught them at scheduled time. The students were also provided worksheets by me.
कोरोना काल मे बच्चो को व्हाट्सअप के जरिये जोड़ने का प्रयास किया एक बच्चे को एंड्राइड फ़ोन भी ले कर दिया बाकी सभी बच्चों को बोला उनके पास जा कर काम करे videocall के जरिये भी बातचीत की गई हमारे बच्चे हिल एरिया के हैं तो नेटवर्क का भी बहुत isssue रहा बच्चे हमसे पर्सनली जुड़ पाए
विद्यर्थियों से फोन पर कॉनटेक्ट किया उन्हे वाट्सएप से जोड़ और वीडियो शेयर किये गृह कार्य करने को दिया और उस गृह कार्य की फोटो व्हाट्सएप पर विद्यर्थियों द्वारा भेजी गयी जिसकी जांच की तथा जो बच्चे ऑनलाइन नही जुड़ सके उनके घर जाकर संपर्क किया और विषय वस्तु समझायी गयी ।
जिन छात्रों के पास एंड्रॉयड मोबाइल थे उनसे संपर्क कर सबसे पहले व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं। जो भी कंटेन हमें इस्माइल 3 के अंतर्गत प्राप्त होता उसको ग्रुप में प्रेषित करते हैं और छात्रों से क्विज या गृह कार्य की जो सिर प्राप्त होती उसे हल करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान करते हैं लेकिन जिन छात्रों के पास मोबाइल नहीं थे उनसे घर-घर जाकर संपर्क किया और गृह कार्य की प्रिंट ले करके उनसे ऑफलाइन गृह कार्य करवाएं।
कोरोना काल में राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार इस्माइल 3.0 के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और छात्रों को वीडियो व होमवर्क सेंड किया और समय-समय पर उन्हें फोन करके उनकी कुशलक्षेम पूछी जिनके पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं थे उनके साथियों से या पड़ोसियों से उनके बारे में जानकारी प्राप्त की
Covid-19 वैश्विक महामारी के कारण मेरे द्वारा शिक्षाण कार्य करने के लिए class wise ग्रुप बनाएं , what'sapp के माध्यम से स्वयं audio video बनाकर शेयर किया गया। जिस से बच्चे काम करके उसी मोबाइल के माध्यम से भेजते रहे । जिन बच्चों के पास smart phone नहीं था उनको अपने आस पास के बच्चों से contact करने को कहा गया। बीच-बीच में जब महामारी कुछ कम रही तब गांव में जाकर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बच्चों से स्वयं संपर्क कर शिक्षण कार्य को देखा।
Covid-19 के कारण राज्य में लगे लॉक डाउन काल में विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों की पालना कार्टर हुए बच्चों को ऑनलाइन अध्ययन सामग्री भेजी गई तथा जिन बच्चों के पास ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध नहीं थी उनके लिए प्रत्येक मोहल्ले में एक-एक अध्यापक की रोटेशन में ड्यूटी लगा कर 4-5 बच्चों के छोटे छोटे समूह बनाकर अध्ययन कराया गया। इसके अतिरिक्त बच्चों के मोहल्ला वाइज छोटे-छोटे समूह बनाए गए। जिस बच्चे के पास एनरोइड फ़ोन था और tv की सुविधा थी उसे ग्रुप लीडर बनाया गया । ग्रुप लीडर के फोन व tv से बच्चों को अध्यापन कराया गया।जिस मोहल्ले में अध्यापक अध्यापन कराने के लिए जाते वो उस मोहल्ले के सभी बच्चों का समस्त विषयों का गृहकार्य संकलित कर संबंधित विषयाध्यापकों को सौप देता। शनिवारी क्विज विषयाध्यापक अपने मोबाइल से ऑनलाइन करवाते है।प्रतिदिन अध्यापकों द्वारा मोबाइल से छात्रों व अभिभावकों से सम्पर्क कर बच्चों की समस्या का समाधान करते है एवं फीडबैक लेते है।
कोरोना महामारी के दौर में बच्चों से कई ऑनलाइन मोड से संपर्क किया गूगल मीट, व्हाट्सएप आदि द्वारा।जो लोग ऑनलाइन नही जुड़े उन्हें फोन करके जागरूक कराया।।। खुद भी डिजिटल माध्यम को समझने की कोशिश की।
कक्षा के बच्चों के वाट्सएप ग्रुप बनाकर पढाई कराईं जिन बच्चों के पास एन्ड्रायड फोन नहीं है उन्हें अन्य बच्चों के साथ जोडने का प्रयास किया गया Work sheet दे कर भी शिक्षण कार्य किया गया
व्हाट्सएप ग्रुप तथा बालको के अभिभावकों से वार्तालाप के द्वारा बालको की सेहत के बारे में जानकारी ली गयी। आओ घर से सीखे केकार्यक्रम के अनुसार smile, क्विज, शिक्षा दर्शन, शिक्षावाणी कार्यक्रम के अध्यापन व मूल्यांकन किया गया।
वैश्विक महामारी के कारण कोरोना काल में स्मार्टफोन के द्वारा ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की गई जिन विधार्थियों के पास मोबाइल नहीं था उनके पडोसियों व उनके दोस्तों से दूरभाष के विभिन्न माध्बायमों संपर्क कर विधार्थियों को आनलाइन शिक्षा ग्रहण करने में सहयोग की अपेक्षा की गयी ।
कोविड-19 के समय हमारा समस्त स्टाफ एवं स्वयं संपर्क एवं फोन कॉल के जरिए बच्चों से संपर्क में रहें उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई के बारे में जागरूक किया तथा शिक्षकों के दल बनाकर प्रत्येक ग्राम में बच्चों और अभिभावकों से संपर्क किया गया गृह कार्य वितरण एवं संकलन करके उनकी शिक्षा जारी रखने का प्रयास किया गया प्रयास किया गया
मैं वास्तव में online class के विचित्र अनुभव से गुजर रहा हूँ। व्यवस्था बहुत अच्छी है परन्तु हर बच्चे के मा -बाप mobile की अपेक्षित स्वतंत्रता नहीं देते। जो बच्चो की परेशानी बढाती है। फिर भी दीर्घकालिक lockdown ने इसका अभ्यस्त कर दिया है। हमारा प्रयास दूसरी दिशा में बढ़ा है तो भी परिणाम सकारात्मक हैं।
During the pandemic various vedios and audios related to content were sent to the student through WhatsApp and utube.The students who don't have smart phone,were taught on cell phone by making audio call and links of doordarshan channel were also sent to the students.
व्हाट्सएप ग्रुप class wise बनाकर निरन्तर parents व बच्चों से बात करके उनके स्वास्थ्य व कुशलता की जानकारी लेना। साथ ही यह भी समझाया गया हमें अपने स्वयं के स्वास्थ्य परिवारजन व पड़ोसियो का भी ध्यान रखना है ।Covid-19 की पालना स्वयं भी करना व आसपास वालो को भी प्रेरित करना। योग ,व्यायाम, का महत्व बताया ताजा शुद्ध भोजन करने के लिये कहा गया। प्रतिदिन की डायरी लिखवाई । on line पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।उनको समझाया गया आप अपनी एनर्जी को सकारात्मक कार्य मे लगा रहे हो आपका मोबाइल देखने का शोक भी पूरा हो रहा है और पढ़ाई भी हो रही है। है ना दोहरा लाभ। EContent, video, पेपर्स, ग्रुप में send किया उसको समझाया व समझने की क्षमता का विकास किया।होमवर्क भी send किया students ने होमवर्क complete करके वापस send किया हमने चेक किया।कार्य मे रही कमियों से अवगत करवाया व सुधार करवाया। जिसके पास एंड्रॉयड फोन नही था Covid- 19 की पालना करते हुए उनके घर पर जाकर होमवर्क व पढ़ाई की योजना बनाकर समझाया गया। कीपैड वालो को फोन पर बात करके उनको पढ़ाई सम्बन्धी जानकारी दी जाती थी।
During Covid-19 I came in contact with my students through smile WhatsApp groups and smile 3.0 program videos. Usually I sent them home work of grammar by typing on notepad and screen shot. Sometimes students send the home🏡 work on WhatsApp and sometimes come to school for getting checked and submitting the paper of quiz after doing it online
कोविड -19 के दौरान विद्यार्थियों से फोन काॅल से संपर्क में रहे। बच्चों को आनलाइन पढ़ाई के बारे में जागरूक किया तथा उनके अभिभावकों से भी संपर्क किया गया। मोबाइल फोन पीडीएफ के माध्यम से विद्यार्थियों को गॄह कार्य दिया गया तथा जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन की सुविधा न होने के कारण उनको अपने दोस्तों से संपर्क करने के लिए कहा गया।
Due to pandemic when schools were closed First of all I made a contact with parents and students regarding their mobile phones and contact numbers. Then I created class and subject wise groups for information regarding online classes and also shared teaching learning materials to them and took their regular assessment.Those Students who haven't access of any digital device were given information about how to use PM evidya,Diksha,swayam prabha,Nistha and Pragyata.
Firstly the process was bit challenging for students as well as me but with passing time the process went on smooth and now students have become used to digital learning . It is a good initiative.
Through smile 3.0 I sent them the link of the videos on WhatsApp groups and send them the screen shots of the Home🏡 Assignments of grammar. There is too much difference between online and offline teaching. Sometimes giving response on phone and sometimes the students came to school to get their home work checked and submit the quiz paper.
कोरोनावायरस pandemic सिचुएशन के दौरान हमने छात्रों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर और गूगल मीट के माध्यम से उनका शिक्षण कार्य किया और उनकी शंकाओं का निवारण किया
कोरोना काल के दौरान निदेशालय द्वारा दिये गए निर्देशों के तहत अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यमों से नियमित सम्पर्क में रही। जिसके तहत SMILE 3 के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित अध्यापन कार्य करवाया गया। वाट्सएप्प पर विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर उन्हें pdf file, video, quiz आदि माध्यमों द्वारा प्रतिदिन अध्यापन कार्यों से जोड़े रखा।
कोरोना काल में निदेशालय के आदेशानुसार कोविड-19 की गाइडलाईन की पालना करते हुए सभी कक्षाओं के विद्यार्धियों के मोबाईल नम्बर प्राप्त किए ।और फिर कक्षावार whatsApp ग्रूप बनाए। smile-3.0 के अनुसाल whatsApp ग्रूप के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई हेतु कन्टेन भेजकर विद्यार्थियों को काॅल कर गृह कार्य करने हेतू प्रेरित कर ग्रूप में साझा करने हेतू कहा जाता।तथा विद्यार्थियों द्वारा गृह कार्य करके ग्रूप में भेजते तथा फिर उनके द्वारा भेजे गए ग्रूप में गृह कार्य की प्रिन्ट निकाल कर जिस विद्यार्थी का गृह कार्य है उसका पोर्टफोलियों फाईल में जाँच कर रखी जाती है।इस तरह उनका अधिगम दस्तावेज संधारित किए जाते है।
In lockdown period of covid-19 when schools were closed first of all I made a contact with parents and students regarding their smart phone number then I created class wise and subject wise group. Through these WhatsAppgroups sharedteaching learning materials to them and took their regular assessment. Those students who haven't access of of any digital device were given information how to use PM e Vidya, Swayam Prabha and diksha channel. Time to time I went to their area to contact them and to assess their work.
कोविड 19 के समय में छात्रो को स्मार्ट फोन के माध्यम वाट्सएप ग्रुप मे आडियो , वीडियो ' पी॰ डीठ एफ बनाकर छात्रो तक पहुचापा तथा जिन वियार्थियो के पाज स्मार्ट फोन नही थे उनके पड़ोस में सम्पर्क कर बच्चो तक पाठ्पजामग्री पहुचाई इसी प्रकार बच्चों का मूल्यांकन किपा ताकि छात्र जुड़े रहे
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान छात्र और छात्राओं को ऑनलाइन जूम एप वीडियो बनाकर तथा व्हाट्सएप के माध्यम से पढ़ाया गया जिन छात्र-छात्राओं के पास एंड्राइड फोन नहीं था उनके लिए उनके साथियों के एंड्रॉयड फोन से मदद ली गई तथा उन्हें वर्कशीट के माध्यम से भी सहायता दी गई।
कोरोना काल मे मै विद्यार्थियो से आनलाइन माध्यमों से continuous सम्पर्क मे रही।covid-19 protocols follow करते हुए अध्ययन सामग्री बच्चो तक online माध्यम से भेजी।
अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यमों से नियमित सम्पर्क में रही। जिसके तहत SMILE के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित अध्यापन कार्य करवाया गया। वाट्सएप्प पर विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर उन्हें pdf file, video, quiz आदि माध्यमों द्वारा प्रतिदिन अध्यापन कार्यों से जोड़े रखा।
कोविड काल में कक्षा शिक्षण संपूर्ण रूप से बाधित रहा । बच्चों का अहित ना हो इसलिए शिक्षण के नए तरीके विकसित किए गए ।जिसमे ऑनलाइन शिक्षण मुख्य था। इस समय आइसीटी का प्रयोग आवश्यक हो गया था । मेरे द्वारा बच्चों के लिए ऑनलाइन मोड में विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । ग्रामीण परिवेश होने के कारण बच्चे इस प्रकार की आइसीटी टूल से अनभिज्ञ होते हैं । लेकिन समय के साथ बच्चों ने भी इसे आत्मसात कर लिया है । गूगल फॉर्म , व्हाट्स ऐप , एवं टेलीग्राम ऐप के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण निरन्तर जारी है ।
During this pandemic each and every method of modern technology was used and still the process of teaching learning is going on. It has given both an opportunity to teach and learn and made both more aware.
Smile 3.0 एवं आओ घर पर सीखें कार्यक्रम के तहत बच्चो को शिक्षण सामग्री एवं गृह कार्य दिया गया एवं प्रतिदिन calling के माध्यम से उन्हें इस परिस्थिति मे अधिक से अधिक सीखने हेतु निरंतर प्रेरित किया गया। - बीना नाहर
मैंने प्रत्येक बच्चे के घर जाकर व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क किया उन्हें तथा उनके अभिभावकों को समझाया और आनलाईन क्लास के माध्यम से निरंतर अध्ययन कार्य जारी है।
इस दौरान में विद्यार्थियों से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से जुड़ी जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं थे उनके दोस्तों से जोड़ करके मैंने उनसे बातचीत जारी रखी ऑफलाइन बढ़ाया के लिए भी मैं गांव में घर घर जाकर उनको पढ़ाया
Corona वैश्विक महामारी के कारण विद्यालय बंद रहे जिस वजह से शिक्षण कार्य बाधित रहे । इस दौरान आइसीटी टूल का प्रयोग शिक्षण अधिगम के लिए आवश्यक हो गया था । छात्रों के लिए विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन प्रतियोगिताएं आयोजित की गई । ग्रामीण परिवेश के छात्र इस प्रकार की प्रतियोगिताओं से अनभिज्ञ होते हैं । क्योंकि उनके पास संसाधन उपलब्ध नहीं होते ।
कोरोना काल मे Whatsapp Group बनाकर विद्यार्थियों के पास डिजिटल माध्यम SMILE 3.0 से शिक्षण सामग्री पहुँचाई, निदेशालय द्वारा दिये गए निर्देशों के तहत अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यमों से नियमित सम्पर्क में रहा। जिसके तहत व्हाट्सएप के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित अध्यापन कार्य करवाया गया। व्हाट्सएप पर विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर उन्हें pdf file, video, quiz आदि माध्यमों द्वारा प्रतिदिन अध्यापन कार्यों से जोड़े रखा।
कोरोना के समय में विभाग द्वारा समय समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप शिक्षण कार्य करवाया गया । ऑनलाइन शिक्षण के रूप में स्माइल कार्यक्रम , शिक्षा वाणी , शिक्षा दर्शन इत्यादि कार्यक्रम को प्रत्येक विद्यार्थियों तक पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया गया।ग्रामीण अंचल में ऑनलाइन शिक्षण में कुछ परेशानियां भी आई जिनको शिक्षा दर्शन , शिक्षा वाणी के माध्यम से हल किया गया। घर जाकर भी संकटकालीन समय में विद्यार्थियों की समस्या का समाधान किया गया
कोरोना महामारी के दौरान छात्रों को मोबाइल के माध्यम से पढ़ाया गया, व्हाट्स एप्प के माध्यम से प्रत्येक कक्षा का ग्रुप बनाकर उन्हें पढ़ाया गया। जिनके पास मोबाइल नही था, उन्होंने अपने दोस्तों के मोबाइल से काम किया। उनके घर जाके वर्कशीट पहुचाई गयी।
Think about one ICT tool that you can use during remote learning. How will you use it to make your teaching-learning process interactive and help students to understand the content being taught? Share your ideas.
Think of the word HAPPY. Share what comes to your mind immediately. How will you feel if someone shares something about being HAPPY, which is very different from what you shared? What could be the reasons for this difference? Share your reflections.
COVID-19 (कोरोना वायरस) के दौरान , आप अपने विद्यार्थियों के साथ किस
ReplyDeleteकोरोना काल में मोबाइल फोन के द्वारा ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर विद्यार्थियों के संपर्क में रही। जिनके पास मोबाइल नहीं था उनके दोस्तों से बात कर अन्य विद्यार्थियों की कुशलक्षेम जाना।
Deleteकोरोना काल मे राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देशो की पालना करते हुए विद्यार्थियों से डिजिटल माध्यम SMILE 3.0 से शिक्षण सामग्री पहुचाई वेवन घर घर जाकर ऑफ लाइन छात्रों को अध्यापन कोरोना गाइडलाइन की पालना में किया।
Deleteकोविड -19 वैश्विक महामारी के कारण कोरोना काल में स्मार्टफोन के द्वारा ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की गई जिन विधार्थियों के पास मोबाइल नहीं था उनके पडोसियों व उनके दोस्तों से दूरभाष के विभिन्न माध्बायमों संपर्क कर विधार्थियों को आनलाइन शिक्षा ग्रहण करने में सहयोग की अपेक्षा की गयी ।
Deleteकोविड -19 वैश्विक महामारी के कारण कोरोना काल में स्मार्टफोन के द्वारा ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की गई जिन विधार्थियों के पास मोबाइल नहीं था उनके पडोसियों व उनके दोस्तों से दूरभाष के विभिन्न माध्यमो से संपर्क कर विधार्थियों को आनलाइन शिक्षा ग्रहण करने में सहयोग की अपेक्षा की गयी ।
DeleteCorona time. student ko online and offline join Kiya. each days student se sampark kiya all problems are solve
Deleteकोरोना काल मे, मैंने मोबाइल के द्वारा विद्यार्थियों हैं सम्पर्क बनाते रखा।
Deleteकोरोना काल में विद्यार्थियों तक अध्ययन सामग्री डिजिटल माध्यम से पहुंचाया कथा घर घर जाकर home वर्क देखकर संग्रहण किया
Deleteकोरोना काल में मोबाइल फोन के द्वारा ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर विद्यार्थियों के संपर्क में रहा। जिनके पास मोबाइल नहीं था उनके दोस्तों से बात कर अन्य विद्यार्थियों की कुशलक्षेम जाना।
Deleteकरोना काल में मेरे द्वारा बच्चों से और उनके अभिभावकों से सतत संपर्क रखा गया । प्रारंभ में कठिनाइयां आईं क्योंकि सब के पास मोबाइल नहीं था पहले पहल बच्चों को जिनके पास स्मार्टफोन था उनके द्वारा अन्य साथी छात्रों को सहयोग करवाया और relatives_neighbours से भी सहयोग करवाया। कुछ नोट्स बनाए गए कुछ बच्चों के लिए प्रिंट निकाल कर रखेऔर उनमें वितरण भी किये। फिर जब सभी के ग्रुप्स बन गए तो व्हाट्सएप पर व्हाट्सएप ग्रुप वीडियो कॉलिंग (जो मेरे द्वारा मेरे विषय का एक अलग से ग्रुप बनाया गया था) के द्वारा घर से शिक्षण कार्यकरवाया गया। घर पर ब्लैकबोर्ड डस्टर और दूसरे टीचिंग एड्स (फोन कॉल पर स्टेशनर्स द्वारा) मंगवाए गए whatsapp vc में क्लास रूम का एक छोटा सा environment बनाकर 5–5 बच्चों को ग्रुप कॉलिंग पर मेरा शिक्षण कार्य जारी रखा। चूंकि करोना काल इतनी बड़ी महामारी में लोगों के काम धंधे बंद हो गए थे ऐसे में कुछ बच्चों के घर जाकर संपर्क भी किया गया और उनके माता-पिता को संबल प्रदान किया गया और बच्चे अपना अध्ययन ऑनलाइन भी जारी कर पाए तो कुछ दिन प्रत्येक कक्षा के कुछ आसपास जो बच्चे रहते थे (एक दूसरे के) एक–एक दिन तय करके प्रत्येक समूह को अपना पर्सनल मोबाइल देकर यूट्यूब पर e–contents देखने में सहयोग किया और शिक्षा का क्रम जारी रखा और बच्चों ने पॉजिटिव रिस्पांस दिया बच्चों ने यूट्यूब मीडिया के कार्यक्रम जो उनको बहुत भारी लग रहे थे धीरे-धीरे कार्यक्रम से अपना अध्ययन करने में वे सहज होने लग गए और मुझे बहुत खुशी हुई कि मैंने अपनी तरफ से 100% दिया भले ही वह कुछ प्रतिशत ही था पर यह प्रयास काम करते गए। इसी दौरान मैंने बच्चों को गूगल में browse करके पिक्चर्स के रूप में उस कंटेंट को देखना सिखाया जिससे अध्ययन में उनकी रुचि और बड़ी । जिन–जिन बच्चों को e-content नहीं मिल पा रहे थे या जो मीडिया से भी नहीं समझ पा रहे थे तो उनको कुछ वैसे ही images color प्रिंट घर से निकाल कर भी अपनी तरफ से मैंने उन्हें सॉफ्ट कॉपी प्रदान की और बच्चों में शिक्षा का क्रम जारी रखा। प्रारंभ मैं थोड़ी सी परेशानियां आई परंतु मुझे खुशी है कि मेरे कुछ छोटे-छोटे प्रयास शिक्षा के क्रम को जारी रखने में मुझे सफलता दे गए आज भी कुछ बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता उन्हें मोबाइल दिला नहीं सकते या उन्हें रात में अपने काम धंधे से लौटने के पश्चात मोबाइल दे पाते हैं और चूंकि बच्चे पहाड़ी स्थानों पर रह रहे हैं जहां पर नेटवर्क की गति नहीं है तो वह अपनी परेशानियों का हल निकालने के लिए मेरे पास आते हैं और मुझसे मेरा मोबाइल मांग कर लेकर जाते हैं कुछ देर के लिए और वापस लौटा देते हैं बहुत खुशी हुई कि इसमें उनके माता-पिता का , अभिभावकों का भी मुझे सहयोग मिला और thanks to the families कि फिर कठिनाइयां नहीं आई। शिक्षा का क्रम जारी रहा।
Deleteशिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिगम के सभी online कार्यक्रम छात्रों से साझा किए उनको प्रत्येक प्रोग्राम में भाग लेने हेतु सतत् प्रेरित किया (स्वयं द्वारा निर्मित art & craft से संबंधित कुछ videos n images share की)
कोरोना वायरस के दौरान, आप अपने विद्यार्थियों के साथ
ReplyDeleteOnline class करवाया
Deleteसबसे पहले छात्राओं के फोन नंबर येन केन प्रकारेण लेकर, class wise, group banaye. Whatsapp videocall se contact बनाए रखा, सभी से संपर्क किसी न किसी रूप में बनाए रखा. ऑडियो-वीडियो भी share किए.
Deleteबच्चों को what's app ग्रुप में जोड़ा। गूगल मीट द्वारा कुछ बच्चे जुड़े।,Pdf तथा वीडियो शेयर किए
DeleteBy online classes
ReplyDeleteकोबिट कल के दौरान हम अपने स्कूल के सारे विद्यार्थियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उन लोगों को पढ़ाने का काम करते रहे
ReplyDeleteकोविड-19 के काल में हम अपने स्कूल के सारे विद्यार्थियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर पढ़ाते रहें
ReplyDeleteCovid के दौरान हम whatsapp group में video's भेजकर स्टूडेंट्स को पढ़ाते थे
ReplyDeleteCovid is pandemic then students doesn't come to school then we try to interact with digital plateform like zoom, google meet and whatsApp.
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान घरों में बंद बच्चों को हमने उपलब्ध फोन न. के आधार पर मनोबल बढाया तथा पूर्व में पढाये गए पाठों पर चर्चा की I
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ReplyDeleteBecause of covidpendemic students doesn't come to school,so we try to interact with our students via whatsapp or zoom app.
ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान हम ऑनलाइन क्लास से संपर्क में रहे।
ReplyDeleteहम अपने छात्रों से ऑनलाइन संपर्क में रहे
ReplyDeleteहम अपने छात्रों से ऑनलाइन संपर्क में रह कर पठन-पाठन के कार्य करते रहे हैं ।
ReplyDeleteWhatsapp group made for class X and problems of students solved through this and encouraged for group discussion among students
ReplyDeleteI have interacted students with digital platform like zoom, google meet ,whatsapp and made whatsapp group of students for solving their problem.
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ReplyDeleteइस अवधि में दूरभाष व ऑनलाइन माध्यम चुना गया। प्रत्येक छात्र- छात्रा को अलग-अलग वीडियो,नोट्स अथवा टेलीफोनिक माध्यम द्वारा पढ़ाया गया।
ReplyDeleteनमस्कार जी,
ReplyDeleteमैने मेरे विद्यार्थियों से संपर्क सूत्र के माध्यम से जैसे मोबाइल फोन से संपर्क रखा एवम ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण कोरोना की पूर्ण सावधानियों को मद्देनजर रखते हुए उनसे मिलकर भी उनके शिक्षण को जाना और आगामी योजनाओं से उन्हे परिचित करवाते हुए उन्हें शिक्षा से जोड़े रखने का प्रयास किया...
प्रदीप कुमार वरिष्ठ अध्यापक हिंदी mundria bara भादरा सेकंडरी विद्यालय
Deleteयह बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षकों का सरलतापूर्वक मार्गदर्शन करता है।
ReplyDeleteWhatsApp group बनाकर और फोन से लगातार संपर्क मे रहे. Online शिक्षण के अनुकूल पद्धतियों का प्रयोग करना और बच्चों का मनोबल बनाये रखना एक चुनौती थी.
ReplyDeleteमैने मेरे विद्यार्थियों से मोबाइल फोन से संपर्क रखा एवम ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण कोरोना की पूर्ण सावधानियों को मद्देनजर रखते हुए उनसे मिलकर भी उनके शिक्षण को जाना और आगामी योजनाओं से उन्हे परिचित करवाते हुए उन्हें शिक्षा से जोड़े रखने का प्रयास किया..स्माइल कंटेंट को whatsapp ग्रुप्स में शेयर किया तथा वीकली क्विज करने को प्रेरित किया
ReplyDeleteकोरोना काल में वट्सऐप ग्रुप के माध्यम से अपने विद्यार्थियों के सम्पर्क में रहा तथा पीडीएफ, वीडियोज, जेपीईजी फाइल्स एवं टेलीफोनिक माध्यम के द्वारा आँनलाइन शिक्षण जारी रखा। जिन छात्रों के पास मोबाइल फोन की सुविधा नहीं थी, उन्हें उनके सहपाठियों के माध्यम से शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई गई।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान बच्चों के शिक्षण शिक्षण अधिगम स्तर पर काफी प्रभाव पड़ा है लेकिन फिर भी शिक्षकों और विद्यालय गतिविधियों को संचालित करने में कोरोना का एक लाइन का उपयोग करते हुए बच्चों के शिक्षण अधिगम में सहायता के लिए हम सब ने मिलजुल कर के प्रयास किए हैं विशेष रूप से ऑनलाइन शिक्षण के संदर्भ में विद्यार्थियों में डिजिटल टेक्नोलॉजी का समझ विकसित हुआ है लिंक को शेयर करना लिंक को लिंक को ओपन करना और उस में आने वाले क्विज और अन्य प्रकार की गतिविधियों पर अपना प्रत्युत्तर देना यह विद्यार्थियों में कुछ हद तक विकसित हुआ है
ReplyDeleteमैंने मेरे विद्यार्थियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और फोन से लगातार संपर्क में रहे एवं ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण s.o.p. की पूर्ण पालना करते हुए उनसे मिलकर भी उनके शिक्षण के बारे में जाना और आगामी योजना से अवगत कराने का प्रयास किया इस्माइल कंटेंट को ग्रुप में शेयर किया तथा व्हाट्सएप भी क्लिक यूज़ के लिए प्रेरित किया और उनका रजिस्ट्रेशन कराया।
ReplyDeletewith online mode with the help of google meet, you tube , whats app
ReplyDeleteThis is the most crucial time for both students and teachers specially in remote areas where online teaching is just a dream and reaching to all students is really difficult but inspite of all this teaching learning process had new innovative learning methods
ReplyDeleteकोरोनाकाल में मैंने आनलाइन माध्यम से अपने विद्यार्थियों के सम्पर्क रहने का प्रयास किया किन्तु नेटवर्क की खराब व्यवस्था के कारण कई बार कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए भौतिक रूप से उनके घरों तक जाना पड़ा।
ReplyDeleteThere is a spread of digital literacy among the students during the pandemic due to online teaching and learning. Teachers also learned a ton of information . New innovative approach in teaching are being employed and traditional rote learning takes a back seat with holistic approaches coming forward.
ReplyDeleteप्रारंभ में whatsapp के माध्यम से अध्ययन कराया परंतू whatsapp पर पांच विषयों की सामग्री आने के कारण विषय वस्तू ढूँढना छात्रों के लिए कठिन हो गया | तब गूगल साइट्स पर एक वेबसाइट का निर्माण किया
ReplyDeleteफोन के माध्यम से जुड़े स्टूडेंट्स से
ReplyDeleteबच्चो को ऑनलाइन कंटेंट साझा किया तथा ऑनलाइन ही पढ़ाया ।
ReplyDeleteकरोना कॉल में विभागीय निर्देशों का पालन करते हुए विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम जूम/ व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिक्षण किया गया तथा साथ ही गूगल फॉर्म में वर्कशीट करने को दी गई।
ReplyDeleteविद्यार्थियों से सकारात्मक व्यवहार करेंगें और उनमें आत्म विश्वास जागृत करेंगें ताकि वे अपनी कमजोरियों को पहचान कर उनपर विजय प्राप्त कर सकें।
ReplyDeleteहमारे पास गरीब तबके के बच्चे पढ़ते हैं अतः ऑनलाइन तो सीख नहीं सकते अतः हम सभी शिक्षकों द्वारा कन्टेन्ट को प्रिन्ट कर छात्र छात्राओं के घरों तक पहुंचाया । अधिगम की पुष्टि हेतु बहुविकल्पी प्रश्न हल करवाये | जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन उपलब्ध थे उन्हें वाट्सप पर कन्टेन्ट साझा किया
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ReplyDeleteकोरोना काल में विभागीय निर्देशों का पालन करते हुए विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम जूम /व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिक्षण कार्य किया गया तथा साथ ही गूगल फॉर्म में वर्कशीट करने को दी गई।
बच्चों के साथ ऑनलाइन संपर्क करते रहेl गूगल मीट के द्वारा बच्चों की पढ़ाई भी कर आते रहे l समय-समय पर बच्चों के लिए ऑनलाइन प्रश्नावली भी तैयार करने के बाद बच्चों को भेजते रहे l
ReplyDeleteअधिकांश बच्चों में ऑनलाइन शिक्षण के प्रति एक सकारात्मक सोच पैदा हुई l
कोरोना काल के दौरान विद्यार्थियों के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इंटरनेट द्वारा निभाई गई है जिसमें हमने विद्यार्थियों को व्हाट्स एप गूगल मीट, जैसे एप के माध्यम से शिक्षण कार्य सुचारू रूप से कार्यरत रहा जिसमें विद्यार्थियों द्वारा भी पूर्ण प्रतिभाग किया गया।
ReplyDeleteकोरोना के दौरान विद्यार्थियों से वाट्सप से वयक्तिगत रूप से अभिभावको से घर -घर जाकर सम्पर्क किया व ऑनलाइन से जुड़े रहे है
ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यम से जैसे व्हाट्स एप,गूगल मीट आदि से सम्पर्क में रहे आडियो और वीडियो साथ स्वयं के द्वारा लिखित पाठ्य सामग्री तैयार कर उनको भेजते रहे।
ReplyDeleteकोविड-19 में छात्र-छात्राओं तक पहुंच बनाने के लिए विभिन्न तकनीकों का सहारा लिया गया हमारे द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए बच्चों को फोन किया गया और उनको व्हाट्सएप पर कार्य दिया गया कुछ क्लास है गूगल मीट पर भी चली है यूट्यूब चैनल क्रिएट किए गए आदि
ReplyDeleteविद्यालय के सभी बच्चों का कक्षा के अनुसार whatsapp group बनाये जिससे सभी बच्चों तक शिक्षण सामग्री पहुँच सके | इस ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से सभी बच्चों के सम्पर्क में रहे | इस group के माध्यम से शिक्षण सामग्री, गृहकार्य, quiz आदि कार्य बच्चे करते रहे जिससे उनकी शिक्षण प्रक्रिया बाधित नही हो |
ReplyDeleteमैने बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा और ऑडियो वीडिओ कंटेंट जो अथॉरिटी से प्राप्त हुए वो भेजे or खुद भी कुछ कंटेंट तैयार किये और अपलोड किये
ReplyDeleteCovid काल में बच्चों का कक्षावार whatsapp group बनाकर whatsapp के माध्यम से उन्हें पढ़ाया। उन्हें zoom meeting app तथा google meet download करवाकर विषय वस्तु समझाने का प्रयास किया गया। जो बच्चे इन माध्यमों से नहीं जुड़े थे उन्हें फोन करके शिक्षण कार्य एवं गृह कार्य की जानकारी दी गई ताकि वे सीखने की प्रक्रिया में शामिल रहें।
ReplyDeleteकाल करके संपर्क बनाए हुए ऑनलाइन कक्षाओ को चलवाया।अध्यापक आओ घर से सीखें कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर सिखा कर आ रहे हैं।
ReplyDeleteकाल करके संपर्क बनाए हुए ऑनलाइन एप्प के माध्यम से विद्यार्थियों को पढाया और कक्षाओं को चलवाया।अध्यापक आओ घर से सीखें कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर सिखा रहे हैं।
ReplyDeleteकोविड के समय छात्र छात्राओं से सम्पर्क फोन काल से, वट्सऐप तथा गूगल मीट के माध्यम से किया गया | शिक्षण में आनलाइन माध्यमों का प्रयोग किया गया... वट्सऐप के माध्यम से तथा वर्कशीट के द्वारा शिक्षण कार्य किया गया| छात्रों को स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से नियमित कक्षा लेने हेतु प्रोत्साहित किया गया.
ReplyDeleteMadan lal sahu covid के दोरान कक्षावार watsup group बनाकर बच्चो को पढा़या और काँल करके समस्या का समाधान किया जिन बच्चो के पास फोन नही था उन्हे घर जाकर पढा़या!
ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान निदेशालय द्वारा दिये गए निर्देशों के तहत अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यमों से नियमित सम्पर्क में रही। जिसके तहत SMILE 3 के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित अध्यापन कार्य करवाया गया। वाट्सएप्प पर विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर उन्हें pdf file, video, quiz आदि माध्यमों द्वारा प्रतिदिन अध्यापन कार्यों से जोड़े रखा।
ReplyDeleteमैं अपने विद्यार्थियों से कोरोना काल में ऑनलाइन व्हाट्सएप्प के माध्यम से जुड़ी रही और शिक्षण सामग्री का वितरण किया । विद्यार्थी स्वयं को इस महामारी से बचाते हुए अन्य लोगों की किस प्रकार मदद कर सकते है इसके प्रति उन्हें जागरूक किया।
ReplyDeleteजिन बच्चों के पास फ़ोन उपलब्ध नहीं थे ,उन्हें उनके अन्य साथियों के माध्यम से शिक्षण सामग्री तथा अन्य जानकारी पहुंचाई गई और कुशलक्षेम जानी।
Corona काल के दौरान छात्रों के लिए youTube channle बना कर वीडियो बना कर upload kiye gaye.. ताकि गांवों के छात्रों को कम internat खर्च करने से भी पढाई करवाई जा सके.aur link what's app group मे share kiye गये
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान मैंने अपने छात्रों से ऑडियो वीडियो में पीडीएफ बनाकर शिक्षण कार्य करके उनसे संपर्क किया जिन छात्रों के पास फोन सुविधा नहीं थी उन छात्रों को अन्य ऐसे छात्रों के साथ जोड़कर जिनके पास फोन सुविधाएं थी उनसे संपर्क किया उन्हें शिक्षण कार्य का लाभ दिलाया
ReplyDeleteकोरोना काल में विभागीय निर्देशों का पालन करते हुए विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम /व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिक्षण कार्य किया गया
ReplyDeleteकोरोना काल में विभागीय निर्देशों का पालन करते हुए विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम जूम /व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिक्षण कार्य किया गया
ReplyDeleteDuring COVID 19 I remained in contact with my each and every student. I used to conduct my physics classes on whats app. I shared several videos with them and encouraged them to syudy through TV programes if they did not have smart phone.
ReplyDeleteDuring COVID 19 I remained in contact with my each and every student. I used to conduct my physics classes on whats app. I shared several videos with them and encouraged them to study through TV programes if they did not have smart phones.
ReplyDeleteDuring covid 19 I had taken the classes and get connected to students through a digital platform called teachmint
ReplyDeleteWhere I used to take the classes by organising various activity based tests and providing assignment, worksheets and evaluating and appreciating at the same time..
Unknown31 July 2021 at 21:45
ReplyDeleteकोरोना काल मे राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देशो की पालना करते हुए विद्यार्थियों से डिजिटल माध्यम SMILE 3.0 से शिक्षण सामग्री पहुचाई वेवन घर घर जाकर ऑफ लाइन छात्रों को अध्यापन कोरोना गाइडलाइन की पालना में किया।
कोरोना काल के दौरान सरकार द्वारा दिए निर्देशों के अनुसार WhatsApp group ,YouTube, Google meet के द्वारा तथा दूरदर्शन पर विभिन्न पढाई से सम्वन्धित चैनलों से पढने के लिए प्रोत्साहित किया । जहां नेटवर्किंग नहीं थी वहां अन्य छात्रों की मदद से पढाई तथा गृहकार्य के लिए प्रोत्साहित किया ।
ReplyDeleteकोरोना वैश्विक महामारी के समय प्राथमिक कक्षा के बच्चो की शिक्षा पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है
ReplyDeleteइन बच्चों को विभिन्न माध्यमों से तथा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शिक्षा से जोड़ा जाना प्रासंगिक हैं
कोविड-19 के दौरान विभाग के निर्देशानुसार विद्यार्थियों को what's app के द्वारा पाठ की सामग्री , कक्षा के टैस्ट , PDF share किये।
ReplyDeleteकोविड -19 के दौरान दूरभाष व ऑनलाइन माध्यम चुना गया। प्रत्येक छात्र- छात्रा को व्हाट्सएप के माध्यम से वीडियो,नोट्स माध्यम द्वारा पढ़ाया गया।
ReplyDeleteकोरोना काल मे उत्तराखंड सरकार शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देशो का पालना करते हुए विद्यार्थियों से फोन के माध्यम से शिक्षण सामग्री पहुचाई। जिन बच्चो के पास स्मार्ट फोन नहीं थे उन बच्चों के दोस्तों के माध्यम से कार्य कराया।
ReplyDeleteकोरोना काल में स्टूडेंट्स के साथ ऑनलाइन क्लासेस एवं डोर टू डोर संपर्क किया l साथ ही डोर टू डोर होम वर्क दिया l
ReplyDeleteकोविड-19 कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान विभागीय निर्देश का अनुपालन करते हुए शिक्षक विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षण देने के लिए व्हाट्सएप पर विषय वार छात्राओं का ग्रुप बनाया गया टेक्स्ट बुक का पीडीएफ सेंड किया गया जिन छात्राओं के पास नेटवर्क की सुविधा नहीं थी उन्हें अपने समेत दूसरी छात्राओं से मदद लेने के लिए प्रेरित किया गया तथा जिन घर में एक ही फोन था उन्हें विषय का ज्ञान देने के लिए वीडियो वॉइस मैसेज भेज कर पाठ समझाने की कोशिश की गई
ReplyDeleteकोरोना काल में छात्रों के साथ संपर्क में रहने के लिए सबसे पहले व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाये, शुरू में छात्रों को उसी के माध्यम से vedio बना कर भेजे गए पर कई तकनीकी वजह से छात्र उन्हें देख नही पाए। देखने के लिए छात्रों को पहले उसे डाउनलोड करना होता था जिस कारण मैन अपने vedio बना कर youtube में डालना शुरू किया और उसका लिंक छात्रों को भेज । हर माह ऑनलाइन टेस्ट के माध्यम से उनका मूल्यांकन किया जाता है। गूगल फॉर्म के द्वारा भी बच्चो के टेस्ट लिए गए।।। परंतु ग्रामीण परिवेश होने के कारण सभी छात्र उसका लाभ नही ले पाए ।। कुछ छात्र अपने करेबियों के फ़ोन से अपना काम पूरा करते।तो कुछ छात्रों को यह भी मौका नही मिल पाया। कुछ छात्रएं को वर्कशीट उपलब्ध कराई गई। अभी ब लगातार अपने शिक्षण में कुछ नया करने के लिए प्रयासरत रहते हैं जिससे हमारे बच्चो को फायदा मिल सके। छात्रों के साथ साथ हमने ब इस समय में बहुत कुछ सीखा है।
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ReplyDeleteDuring COVID-19 pandemic I have connected to my students through phone calls, whats-app groups and zoom/google meetings. I used to share study material in print form through whats-app groups while online classes were organised through zoom/google meets. In zero network(internet) conditions, students were also asked to connect through phone calls to resolve their doubts and queries regarding the subject.
ReplyDeleteमैने मेरे विद्यार्थियों से संपर्क सूत्र के माध्यम से जैसे मोबाइल फोन से संपर्क रखा एवम ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण कोरोना की पूर्ण सावधानियों को मद्देनजर रखते हुए उनसे मिलकर भी उनके शिक्षण को जाना और आगामी योजनाओं से उन्हे परिचित करवाते हुए उन्हें शिक्षा से जोड़े रखने का प्रयास किया
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान विभागीय निर्देशों का अनुपालन करते हुए बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण करवाया गया तथा जो बच्चे किसी कारण से ऑनलाइन शिक्षण में भाग नहीं ले पा रहे थे उनके घर पर उनसे संपर्क कर उन्हें ऑफलाइन शिक्षण करवाया गया।
ReplyDeletecreated subjectwise whatapp group took online class using google meet ,those who were not having seperate phone had been provided with vedio and audio msg for better understanding
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान विभागीय निर्देशों का अनुपालन करते हुए बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण करवाया गया तथा जो बच्चे किसी कारण से ऑनलाइन शिक्षण में भाग नहीं ले पा रहे थे उनके घर पर उनसे संपर्क कर उन्हें ऑफलाइन शिक्षण करवाया गया। ऑनलाइन शिक्षण से जुड़े बच्चों की समस्याओं का घर जाकर समाधान किया।
ReplyDeleteछात्र/छात्राओं से mobile, whatsapp group के माध्यम से सम्पर्क में रहकर समय समय पर उनके अभिभावको से सम्पर्क कर बच्चों का मार्गदर्शन किया, online शिक्षण का कार्य किया। online शिक्षण में एक नई बात यह है कि जो छात्र विद्यालय में कक्षा में प्रश्न पूछने में झिझकता है वह online शिक्षण में बिना किसी झिझक के बिना किसी डर संकोच के प्रश्न करता है। जो एक नई व अच्छी बात है
ReplyDeleteकोरोना काल में बच्चों से मोबाइल के माध्यम से संपर्क में रहे। तथा बच्चों को शिक्षा से जोड़ते रहे उनकी प्रगति पूछते रहे हैं यदि उन्हें कोई समस्या है तो उसका समाधान भी किया गया कर ही रहे हैं जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं है उनके पड़ोसी बच्चे जो उनके मित्र हैं उनसे संपर्क करके उन्हें भी पढ़ने के लिए प्रेरित किया
ReplyDeleteकोरोना कल में निदेशालय द्वारा दी गई गाइडलाइन के निर्देशों की पालना करते हुए व्हाट्सएप से बच्चों को कोरोना से बचने के लिए,परिवार को टीकाकरण के लिए जागरूक किया,स्माइल 3.0 द्वारा भेजी गई सामग्री बच्चों तक पंहुचने के लिए।
ReplyDeleteकुछ बच्चों को जानकारी उनके दोस्तों से प्राप्त की ।
During corona period we made whatapp group of all classes.online classes taken through Google Meet and Zoom app.students who did not have smart phones the notes were given to their parents
ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यम से जैसे व्हाट्स एप,गूगल मीट आदि से सम्पर्क में रहे। आडियो और वीडियो के साथ स्वयं के द्वारा लिखित पाठ्य सामग्री तैयार कर शिक्षण कार्य किया। कोरोना के इस काल में विद्यार्थियों व उनके परिजनो के मानसिक मजबूती के लिये लगातार उनसे बातचीत के माध्यम से सम्पर्क में रहे और साथ ही जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभिभावक थे उन्हें आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता प्रदान की।
ReplyDeleteमेरे द्वारा बच्चों को ऑनलाइन और ऑफ लाइन पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया गया। जिनके पास एंड्रॉइड फोन थे उन्हें वीडियो, फोटो,मेसेजे-लिखित और वॉइस के द्वारा पढ़ाया गया और जिनके पास साधारण फोन थे उन्हें फोन पर बात करके और अभिभावकों से सम्पर्क किया व नोट्स दिये गए।जिनके पास किसी भी तरह का फोन नही था उनके पड़ोसियों के फोन से सम्पर्क करके एवम स्वयं उनसे मिलकर लिखित नोट्स देकर पढ़ाया गया।
ReplyDeletemaine whatsApp group banya Or unhe group mai share kra padai ke bare mai pdf bna kr behja kr video bhi di jinhe unhe ache se samj aye
ReplyDeleteकोरोना काल में बच्चों को ऑनलाइन अध्ययन करवाया गया एवं जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल उपलब्ध नहीं था उन्हें घर जाकर गृह कार्य दिया गया एवं स्माइल 3 के माध्यम से बच्चों को होमवर्क भेजा गया और कॉल करके समय-समय पर गृह कार्य पूर्ण करने की जानकारी ली गई
ReplyDeleteकक्षा में व्यक्तिक भिन्नता को दूर करने के लिए सर्वप्रथम छात्र को जानना बहुत जरूरी है उसे कहाँ परेशानी हो रही ही यह शिक्षक को मालूम होना आवश्यक है।
ReplyDeleteमेरी कक्षा में कई बार ब्लैकबोर्ड पर लिखने के बाद भी मुझे व्यक्तिगत छात्र के पास जाकर उसकी कॉपी में जाकर उसे अलग तरीके से उसी प्रश्न को समझाने की आवश्यकता महसूस हुई है।
कोविड 19 19के दौरान विभागीय sop का पालन करते हुए बच्चों को विषय संबंधी जानकारी ऑनलाइन शिक्षण जैसे व्हाट्सएप ग्रुप , गूगल मीट के द्वारा प्रदान की गई। जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन नही था उनको अपने दोस्तो से संपर्क करने को कहा गया ताकि साथ मैं फोन के द्वारा पढ़ाई जारी रख सके। ऑनलाइन शिक्षण शिक्षक तथा बच्चों दोनो के लिए नया अनुभव रहा।
ReplyDeleteDue to covid 19 I'm teaching my students through watsapp group, making videos,sharing videos through you tube also, sending worksheet, but still I felt the lack of real classroom.
ReplyDeleteरोना काल मे राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देशो की पालना करते हुए विद्यार्थियों से डिजिटल माध्यम SMILE 3.0 से शिक्षण सामग्री पहुचाई वेवन घर घर जाकर ऑफ लाइन छात्रों को अध्यापन कोरोना गाइडलाइन की पालना में किया।
ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान निदेशालय द्वारा दिये गए निर्देशों के तहत अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यमों से नियमित सम्पर्क में रही। जिसके तहत SMILE 3 के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित अध्यापन कार्य करवाया गया। वाट्सएप्प पर विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर उन्हें pdf file, video, quiz आदि माध्यमों द्वारा प्रतिदिन अध्यापन कार्यों से जोड़े रखा।
Deleteकोरोना वायरस के समय मैने अपनी कक्षा के छात्र/छात्राओं के whatsaap ग्रुप बनाये । उन ग्रुप के द्वारा मैने अधिगम जारी रखा और विद्यार्थियो के हाल चाल के बारे में भी जाना।
ReplyDeleteसाथ ही छात्र/छात्राओं को covid सम्बंधी व्यवहार के बारे में समय पर समझाते रहे।
जिन बच्चों के पास मोबाईल नहीं था। उनके आस पास के छात्रों और आस पास व्यक्तियो से contact किया।
कोरोना काल के दौरान निदेशालय द्वारा दिये गए निर्देशों के तहत अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यमों से नियमित सम्पर्क में रहा। जिसके तहत व्हाट्सएप के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित अध्यापन कार्य करवाया गया। व्हाट्सएप पर विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर उन्हें pdf file, video, quiz आदि माध्यमों द्वारा प्रतिदिन अध्यापन कार्यों से जोड़े रखा।
ReplyDeleteकोविड 19 के दौरान विभागीय sop का पालन करते हुए बच्चों को विषय संबंधी जानकारी ऑनलाइन शिक्षण जैसे व्हाट्सएप ग्रुप , गूगल मीट के द्वारा प्रदान की गई। जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं था उनको अपने दोस्तों और पड़ोसियों से संपर्क करने को कहा गया ताकि फोन के द्वारा पढ़ाई जारी रख सके। छात्राओं को स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से नियमित कक्षा लेने हेतु प्रोत्साहित किया गया।ऑनलाइन शिक्षण, शिक्षक तथा बच्चों दोनों के लिए नया अनुभव रहा।
ReplyDeleteकोशिश काल में बच्चों को आनलाइन माध्यम से शिक्षण कार्य किया गया। बच्चों से व्हाट्स ऐप और गूगल मीट के माध्यम से बच्चों से संपर्क किया गया जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं थे उनसे उनके पड़ोसियों और मित्रों के माध्यम से संपर्क किया गया
ReplyDeleteकोविड 19 के दौरान विभागीय sop का पालन करते हुए बच्चों को विषय संबंधी जानकारी ऑनलाइन शिक्षण जैसे व्हाट्सएप ग्रुप , ई-कक्षा, स्माइल 2.0, स्माइल 3.0, के द्वारा प्रदान की गई। जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं था उनको अपने दोस्तों और पड़ोसियों से संपर्क करने को कहा गया ताकि फोन के द्वारा पढ़ाई जारी रख सके।उन्हें घर जाकर गृह कार्य दिया गया एवं स्माइल 3.0 के माध्यम से बच्चों को होमवर्क भेजा गया और कॉल करके समय-समय पर गृह कार्य पूर्ण करने की जानकारी ली गई। साथ ही टीवी पर छात्रों को शिक्षा दर्शन कार्यक्रम देखने तथा रेडियो पर शिक्षा वाणी कार्यक्रम सुनने के लिए प्रेरित किया गया सीडब्ल्यूएसएन छात्रों के लिए मिशन समर्थ व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उनको जोड़ा गया।
ReplyDeleteहम लोग का विद्यालय गांव के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है । जहां पर बच्चों या अभिभावकों के पास इंटरनेट या स्मार्टफोन या टीवी भी नहीं उपलब्ध है । ऐसी परिस्थितियों में कोविड महामारी के दौरान बहुत ही परेशानी महसूस हुई । फिर गांव में जिन लोगों के पास भी स्मार्टफोन था उनसे संपर्क कर उनके नंबरों पर बच्चों के व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं और कक्षा बार काम इस व्हाट्सएप के माध्यम से शेयर किया गया। जिस से बच्चे काम करके उसी मोबाइल के माध्यम से भेजते रहे । बीच-बीच में जब महामारी कुछ कम रही तब हमारे स्थानीय अध्यापक गांव में जाकर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बच्चों से स्वयं संपर्क कर शिक्षण कार्य को देखा।
ReplyDeleteव्हाट्सएप के माध्यम से बच्चों को जोड़कर शिक्षण कार्य करवाया गया तथा शिक्षण से संबंधित सामग्री को ग्रुप के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाया गया बच्चों का रेस्पॉन्स भी बहुत अच्छा रहा
ReplyDeleteCovid 19 के दौरान हमनें बच्चों को वॉट्सएप के माध्यम से और घर घर जाकर शिक्षण कार्य करवाया तथा इस परिस्थिति में भी अपना अध्ययन जारी रखने हेतु प्रेरित किया
ReplyDeleteकोरोना काल मे हमने सभी बातो का ख्याल रखा एवं जीवन मे हमे अब बच्चों को कैसे शिक्षा देनी है सब बातो को स्वयम् समझा।
ReplyDeleteहम अपने स्कूल के सारे विद्यार्थियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर पढ़ाते रहें
ReplyDeleteOnline methods using mobile phone through WhatsApp, Google meet, Google forms, videos etc.
ReplyDeleteकोरोना काल में शिक्षण को नियमित रूप से चलाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा एक स्माइल .3 प्रोग्राम चलाया जा रहा जिसके अंतर्गत घर-घर जाकर बच्चों से संपर्क करके उन्हें शिक्षा अध्ययन सामग्री पहुंचाई जा रही है
ReplyDeleteकोरोना काल में मैंने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शिक्षण कार्य किया। साथ ही एक यूट्यूब चेनल बनाकर स्वयं की टीचिंग वीडियो बनाकर विद्यार्थीयो तक पहुचाई
ReplyDeleteकोविड 19 के तहत शासन व विभाग द्वारा जारी निर्देशो का पालन करते हुए,छात्र/छात्राओ का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर विषयो से समन्धित जानकारी व ऑफ लाइन वर्क्शीट के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई।जिन छात्रों के पास मोबाइल फोन नही थे उन्हें उनके सहयोगियों से सम्पर्क में रहने के लिए कहा गया।
ReplyDeleteOnline teaching using smart phones and those who don't have smart phones....provided them offline study materials by going their home
ReplyDeleteकोरोना काल मे राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देशो की पालना करते हुए विद्यार्थियों से डिजिटल माध्यम SMILE 3.0 से शिक्षण सामग्री पहुचाई व घर घर जाकर ऑफ लाइन छात्रों को अध्यापन कोरोना गाइडलाइन की पालना में किया।
ReplyDeleteI connected with students through Google Meet and whatsapp and took test via Google Classroom and guided them via voice call ,also told them about Swayam Prabha and Diksha App.
ReplyDeleteकोरोनावायरस के काल में हमने बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण सामग्री भेजकर उनके डाउट क्लियर की तथा सीखने और सिखाने की प्रक्रिया में हमने उनको आधुनिक तकनीकी के द्वारा सीखने की तरीकों पर जोर दिया तथा जिन बच्चों के पास मोबाइल फोन नहीं थे उनके घर घर जाकर संपर्क किया और पड़ोस के बच्चों के मोबाइल से उनको कनेक्ट करवाया
ReplyDeleteकोरोना के दौरान विद्यार्थियों के साथ व्हाट्सएप और फ़ोन के द्वारा सम्पर्क में रहे । कोरोना के कारण शिक्षा के स्तर में काफ़ी बदलाव आया, शिक्षा देने के तरीकों को नई दिशा मिली कक्षायें ऑनलाइन एवं व्हाट्सएप्प की द्वारा लगाई गई।
ReplyDeleteऑनलाइन माध्यमों के द्वारा छात्रों से निरंतर सम्पर्क रहकर पठन -पाठन करवाते रहे । विद्यार्थियों की जो भी समस्या थी विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मस का उपयोग कर शंका समाधान किया ।
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान मैंने बच्चों के उपलब्ध फोन नंबर पर संपर्क करके उनके व उनके परिचितों का हाल चाल पूछा। और उन्हें आश्वस्त किया कि किसी भी प्रकार भी परेशानी में हम स्वयं उनकी सहायता के लिए आएंगे।
ReplyDeleteइसके साथ साथ हम उन्हें उनके पाठ्यक्रम के अनुसार गूगल मीट और वॉट्सएप के द्वारा अध्यापन करवाते रहे।
कक्षा प्रारंभ होने से पहले हैं प्रतिदिन उनसे कुछ योगासन करवाते थे।
कोरोना काल में विद्यार्थियों से संपर्क हेतु सबसे महत्वपूर्ण माध्यम व्हाट्सएप रहा सभी कक्षाओं के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए स्माइल प्रोग्राम द्वारा प्राप्त शिक्षण सामग्री गृह कार्य को इस ग्रुप के माध्यम से छात्रों तक पहुंचाया गया जिन छात्रों के पास व्हाट्सएप उपलब्ध नहीं था उन्हें शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने के लिए मोहल्ले के अनुसार निर्धारित समय सारणी बनाकर शिक्षण सामग्री को ऑफलाइन घर तक पहुंचाया गया तथा वापस जांच कार्य हेतु इसी प्रकार समय सारणी बनाइ गई ताकि सरकार द्वारा प्राप्त निर्देश के अनुसार अध्ययन भी हो सके और छात्रों को कोरोना संक्रमित होने से बचाया जा सके
ReplyDeleteCovid-19 कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान मैंने अपने स्कूल के बच्चो को ऑनलाइन शिक्षण कार्य कराया ।उन्हें कोविड बिमारी के नियमो के विषय में जानकारी दी ।बच्चो से mask बनवाए। और जिन बच्चो के पास मोबाइल नहीं है उनसे उनके मित्रो के द्वारा संपर्क कर उन्हे भी पढ़ाया ।और उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित स्वयं प्रभा t.v. चैनल के माध्यम से भी शिक्षण कार्य पूर्ण करवाया ।ताकि बच्चे वैश्विक महामारी के दौरान घर पर रहकर ही शिक्षण कार्य करे तथा कुछ क्रियाकलाप करके अपने आप को व्यस्त रख सके।
ReplyDeleteकोरोना के दौरान हमने विद्यार्थियों के डिजिटल प्लेटफॉर्म का महत्व समझाया और साथ ही कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए स्वयं को शारीरिक व्यायाम व योगा व प्राणायाम द्वारा किस प्रकार स्वस्थ रखा जाता है ये समझाया ।
ReplyDeleteचरण सिंह, वरिष्ठ अध्यापक ( अंग्रेजी )
राजकीय उच्च माध्यामिक विद्यालय गोविंदगढ़ (अलवर)
कोविड़ 19 के समय हम अपने विद्यार्थियों से व्हाट्सएप के माध्यम से जुड़े रहे, तथा समय समय पर फोन कॉल, वीडियो कॉल आदि के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान करते रहे ।
ReplyDeleteइस दौरान हमने अपने शिक्षण में वीडियो, ऑडियो आदि तकनीकों को शामिल किया तथा छात्राओं को रोचक शिक्षा देने का प्रयास किया ।
फोन द्वारा बच्चों के संपर्क में रहे।उनकी पढ़ाई से सम्बन्धित परेशानियों को दूर किया। वॉट्सएप ग्रुप बनाए गए शिक्षण हेतु।माता पिता के संपर्क मै भी रहे।शिक्षाप्रद वीडियो भी भेजे गए।
ReplyDeleteDuring Covid -19 curfew we were connected with our students through mobile phone.
ReplyDeleteWe carried out our classes through whatsapp, utube, zoom classes, video clips and audio clips, important links of u tube, TV relays etc
Carried on through online & offline as well.
ReplyDeleteमोबाइल के माध्यम से बच्चों के संपर्क में रहे एवं उनको शिक्षण सामग्री व्हाट्सएप के द्वारा भेजी गई तथा व्हाट्सएप पर ही उनके द्वारा किए गए गृह कार्य को मंगवाया गया
ReplyDeleteपुराना काल में शिक्षा व्यवस्था में बड़े ही आमूलचूल परिवर्तन किए हैं अधिक से अधिक बच्चों को ऑनलाइन कक्षा ग्रुप से जोड़ा गया है साथी स्टडी मटेरियल बच्चों को घर-घर पहुंचाया गया है ताकि उनकी पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा ना आए
ReplyDeleteकोरोना काल में मैंने कक्षा 11 व कक्षा 12 का WhatsApp group बना कर youtube पर अपने द्वारा lakhanpal chemistry classes नाम का चैनल बनाकर पढ़ाया। साथ ही सभी बच्चों को शिक्षण सामग्री दी।
ReplyDeleteद्वारा- शंकर लखनपाल
कोरोना काल में बच्चों की विविधता का ध्यान रखा और डिजिटल कंटेंट भेजते रहे।बच्चों के पास मोबाइल नहीं हैं और यदि है तो नेट नहीं है।डिजिटल होने की दौड़ में हमारे बच्चे अभी शैशव अवस्था में है।
ReplyDeleteकक्षा के बच्चों के वाट्सएप ग्रुप बनाकर पढाई करवाईं गयी
ReplyDeleteजिन बच्चों के पास एन्ड्रायड फोन नहीं है उन्हें अन्य बच्चों के साथ जोडने का प्रयास किया गया
I CONTACT ALL THE STUDENTS WITH THE HELP OF MOBILE AND WHATSAP GROUP DURING COVID - 19 LOCKDOWN. I ALSO SHARE PREVIOUS YEAR PAPERS WITH STUDENTS WITH THE HELP OF GOOGLE MEET AND OTHER DIGITAL MODE. THANKS.
ReplyDeleteDuring Covid 19, I made separate Whatsapp groups for each class. Send audio - video clips of the topics. I made contact with students through Google meet and taught them at scheduled time. The students were also provided worksheets by me.
ReplyDeleteकोरोना काल मे बच्चो को व्हाट्सअप के जरिये जोड़ने का प्रयास किया एक बच्चे को एंड्राइड फ़ोन भी ले कर दिया बाकी सभी बच्चों को बोला उनके पास जा कर काम करे videocall के जरिये भी बातचीत की गई हमारे बच्चे हिल एरिया के हैं तो नेटवर्क का भी बहुत isssue रहा बच्चे हमसे पर्सनली जुड़ पाए
ReplyDeleteOnline classes li . घर जाकर सम्पर्क किया गया। zoom app पर classes ली गई।
ReplyDeleteThrough the social media
ReplyDeleteविद्यर्थियों से फोन पर कॉनटेक्ट किया उन्हे वाट्सएप से जोड़ और वीडियो शेयर किये गृह कार्य करने को दिया और उस गृह कार्य की फोटो व्हाट्सएप पर विद्यर्थियों द्वारा भेजी गयी जिसकी जांच की तथा जो बच्चे ऑनलाइन नही जुड़ सके उनके घर जाकर संपर्क किया और विषय वस्तु समझायी गयी ।
ReplyDeleteShikshan ki kamiyon ko dur krne ka prayas kiya
ReplyDeleteजिन छात्रों के पास एंड्रॉयड मोबाइल थे उनसे संपर्क कर सबसे पहले व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं। जो भी कंटेन हमें इस्माइल 3 के अंतर्गत प्राप्त होता उसको ग्रुप में प्रेषित करते हैं और छात्रों से क्विज या गृह कार्य की जो सिर प्राप्त होती उसे हल करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान करते हैं लेकिन जिन छात्रों के पास मोबाइल नहीं थे उनसे घर-घर जाकर संपर्क किया और गृह कार्य की प्रिंट ले करके उनसे ऑफलाइन गृह कार्य करवाएं।
ReplyDeleteकोरोना काल में राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार इस्माइल 3.0 के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और छात्रों को वीडियो व होमवर्क सेंड किया और समय-समय पर उन्हें फोन करके उनकी कुशलक्षेम पूछी जिनके पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं थे उनके साथियों से या पड़ोसियों से उनके बारे में जानकारी प्राप्त की
ReplyDeleteCovid-19 वैश्विक महामारी के कारण मेरे द्वारा शिक्षाण कार्य करने के लिए class wise ग्रुप बनाएं , what'sapp के माध्यम से स्वयं audio video बनाकर शेयर किया गया। जिस से बच्चे काम करके उसी मोबाइल के माध्यम से भेजते रहे । जिन बच्चों के पास smart phone नहीं था उनको अपने आस पास के बच्चों से contact करने को कहा गया। बीच-बीच में जब महामारी कुछ कम रही तब गांव में जाकर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बच्चों से स्वयं संपर्क कर शिक्षण कार्य को देखा।
ReplyDeleteCovid-19 के कारण राज्य में लगे लॉक डाउन काल में विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों की पालना कार्टर हुए बच्चों को ऑनलाइन अध्ययन सामग्री भेजी गई तथा जिन बच्चों के पास ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध नहीं थी उनके लिए प्रत्येक मोहल्ले में एक-एक अध्यापक की रोटेशन में ड्यूटी लगा कर 4-5 बच्चों के छोटे छोटे समूह बनाकर अध्ययन कराया गया। इसके अतिरिक्त बच्चों के मोहल्ला वाइज छोटे-छोटे समूह बनाए गए। जिस बच्चे के पास एनरोइड फ़ोन था और tv की सुविधा थी उसे ग्रुप लीडर बनाया गया । ग्रुप लीडर के फोन व tv से बच्चों को अध्यापन कराया गया।जिस मोहल्ले में अध्यापक अध्यापन कराने के लिए जाते वो उस मोहल्ले के सभी बच्चों का समस्त विषयों का गृहकार्य संकलित कर संबंधित विषयाध्यापकों को सौप देता। शनिवारी क्विज विषयाध्यापक अपने मोबाइल से ऑनलाइन करवाते है।प्रतिदिन अध्यापकों द्वारा मोबाइल से छात्रों व अभिभावकों से सम्पर्क कर बच्चों की समस्या का समाधान करते है एवं फीडबैक लेते है।
ReplyDeleteDuring covid 19 contacted with the students through wtsp n shared video and audio clips related to their course.
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौर में बच्चों से कई ऑनलाइन मोड से संपर्क किया गूगल मीट, व्हाट्सएप आदि द्वारा।जो लोग ऑनलाइन नही जुड़े उन्हें फोन करके जागरूक कराया।।। खुद भी डिजिटल माध्यम को समझने की कोशिश की।
ReplyDeleteकक्षा के बच्चों के वाट्सएप ग्रुप बनाकर पढाई कराईं
ReplyDeleteजिन बच्चों के पास एन्ड्रायड फोन नहीं है उन्हें अन्य बच्चों के साथ जोडने का प्रयास किया गया
Work sheet दे कर भी शिक्षण कार्य किया गया
व्हाटअप्प्स ग्रुप बनाकर सामग्री भेजी गई. फोन कर प्रगति की जानकारी ली गई. स्क्रीनशॉट मंगवाकर जाँच की गई.
ReplyDeleteव्हाट्सएप ग्रुप तथा बालको के अभिभावकों से वार्तालाप के द्वारा बालको की सेहत के बारे में जानकारी ली गयी।
ReplyDeleteआओ घर से सीखे केकार्यक्रम के अनुसार smile, क्विज, शिक्षा दर्शन, शिक्षावाणी कार्यक्रम के अध्यापन व मूल्यांकन किया गया।
वैश्विक महामारी के कारण कोरोना काल में स्मार्टफोन के द्वारा ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की गई जिन विधार्थियों के पास मोबाइल नहीं था उनके पडोसियों व उनके दोस्तों से दूरभाष के विभिन्न माध्बायमों संपर्क कर विधार्थियों को आनलाइन शिक्षा ग्रहण करने में सहयोग की अपेक्षा की गयी ।
ReplyDeleteDuring Covid-19, i got connected with the students through what's app, google meet and through phone calls.
ReplyDeleteकोविड-19 के समय हमारा समस्त स्टाफ एवं स्वयं संपर्क एवं फोन कॉल के जरिए बच्चों से संपर्क में रहें उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई के बारे में जागरूक किया तथा शिक्षकों के दल बनाकर प्रत्येक ग्राम में बच्चों और अभिभावकों से संपर्क किया गया गृह कार्य वितरण एवं संकलन करके उनकी शिक्षा जारी रखने का प्रयास किया गया प्रयास किया गया
ReplyDeleteसब बच्चों को एक साथ पढ़ाने से उनका समग्र विकास होता है और एक दूसरे को समझने का मौका मिलता है और वो सभी प्रकार की गतिविधि कर सकेंगे
ReplyDeleteमैं वास्तव में online class के विचित्र अनुभव से गुजर रहा हूँ। व्यवस्था बहुत अच्छी है परन्तु हर बच्चे के मा -बाप mobile की अपेक्षित स्वतंत्रता नहीं देते। जो बच्चो की परेशानी बढाती है। फिर भी दीर्घकालिक lockdown ने इसका अभ्यस्त कर दिया है। हमारा प्रयास दूसरी दिशा में बढ़ा है तो भी परिणाम सकारात्मक हैं।
DeleteDuring the pandemic various vedios and audios related to content were sent to the student through WhatsApp and utube.The students who don't have smart phone,were taught on cell phone by making audio call and links of doordarshan channel were also sent to the students.
ReplyDeleteमोबाइल से फोन करने की कहा समस्या आने पर और विद्यार्थी का फोन पर समाधान का प्रयास
ReplyDeleteReally, this course has discussed the various important topics of curriculum and inclusive education.
ReplyDeleteव्हाट्सएप ग्रुप class wise बनाकर निरन्तर parents व बच्चों से बात करके उनके स्वास्थ्य व कुशलता की जानकारी लेना। साथ ही यह भी समझाया गया हमें अपने स्वयं के स्वास्थ्य परिवारजन व पड़ोसियो का भी ध्यान रखना है ।Covid-19 की पालना स्वयं भी करना व आसपास वालो को भी प्रेरित करना।
ReplyDeleteयोग ,व्यायाम, का महत्व बताया ताजा शुद्ध भोजन करने के लिये कहा गया। प्रतिदिन की डायरी लिखवाई ।
on line पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।उनको समझाया गया आप अपनी एनर्जी को सकारात्मक कार्य मे लगा रहे हो आपका मोबाइल देखने का शोक भी पूरा हो रहा है और पढ़ाई भी हो रही है। है ना दोहरा लाभ।
EContent, video, पेपर्स, ग्रुप में send किया उसको समझाया व समझने की क्षमता का विकास किया।होमवर्क भी send किया students ने होमवर्क complete करके वापस send किया हमने चेक किया।कार्य मे रही कमियों से अवगत करवाया व सुधार करवाया।
जिसके पास एंड्रॉयड फोन नही था Covid- 19 की पालना करते हुए उनके घर पर जाकर होमवर्क व पढ़ाई की योजना बनाकर समझाया गया। कीपैड वालो को फोन पर बात करके उनको पढ़ाई सम्बन्धी जानकारी दी जाती थी।
स्माईल 2.0 व 3.0 के माध्यम से डिजिटल जुड़े व फोन से जुड़े ऑफलाइन विद्यार्थियों के घर जाकर भी जुड़े
ReplyDeleteकोरोना काल में विद्यार्थियों से सीधा संपर्क संभव नहीं था इसलिए फ़ोन तथा व्हाट्सप्प आदि माध्यमों द्वारा शिक्षण कार्य जारी रखा गया.
ReplyDeleteDuring Covid-19 I came in contact with my students through smile WhatsApp groups and smile 3.0 program videos. Usually I sent them home work of grammar by typing on notepad and screen shot.
DeleteSometimes students send the home🏡 work on WhatsApp and sometimes come to school for getting checked and submitting the paper of quiz after doing it online
कोविड -19 के दौरान विद्यार्थियों से फोन काॅल से संपर्क में रहे। बच्चों को आनलाइन पढ़ाई के बारे में जागरूक किया तथा उनके अभिभावकों से भी संपर्क किया गया। मोबाइल फोन पीडीएफ के माध्यम से विद्यार्थियों को गॄह कार्य दिया गया तथा जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन की सुविधा न होने के कारण उनको अपने दोस्तों से संपर्क करने के लिए कहा गया।
ReplyDeleteDue to pandemic when schools were closed First of all I made a contact with parents and students regarding their mobile phones and contact numbers. Then I created class and subject wise groups for information regarding online classes and also shared teaching learning materials to them and took their regular assessment.Those Students who haven't access of any digital device were given information about how to use PM evidya,Diksha,swayam prabha,Nistha and Pragyata.
ReplyDeleteFirstly the process was bit challenging for students as well as me but with passing time the process went on smooth and now students have become used to digital learning . It is a good initiative.
Through smile 3.0 I sent them the link of the videos on WhatsApp groups and send them the screen shots of the Home🏡 Assignments of grammar. There is too much difference between online and offline teaching.
ReplyDeleteSometimes giving response on phone and sometimes the students came to school to get their home work checked and submit the quiz paper.
बच्चोंको उनके घर जाकर पढाया
ReplyDeleteकोरोनावायरस pandemic सिचुएशन के दौरान हमने छात्रों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर और गूगल मीट के माध्यम से उनका शिक्षण कार्य किया और उनकी शंकाओं का निवारण किया
ReplyDeleteछात्रों का व्हाटसएप ग्रुप बनाकर online शिक्षण करवाया ।
ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान निदेशालय द्वारा दिये गए निर्देशों के तहत अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यमों से नियमित सम्पर्क में रही। जिसके तहत SMILE 3 के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित अध्यापन कार्य करवाया गया। वाट्सएप्प पर विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर उन्हें pdf file, video, quiz आदि माध्यमों द्वारा प्रतिदिन अध्यापन कार्यों से जोड़े रखा।
ReplyDeleteROSHAN LAL GURJAR
कोरोना काल में निदेशालय के आदेशानुसार कोविड-19 की गाइडलाईन की पालना करते हुए सभी कक्षाओं के विद्यार्धियों के मोबाईल नम्बर प्राप्त किए ।और फिर कक्षावार whatsApp ग्रूप बनाए। smile-3.0 के अनुसाल whatsApp ग्रूप के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई हेतु कन्टेन भेजकर विद्यार्थियों को काॅल कर गृह कार्य करने हेतू प्रेरित कर ग्रूप में साझा करने हेतू कहा जाता।तथा विद्यार्थियों द्वारा गृह कार्य करके ग्रूप में भेजते तथा फिर उनके द्वारा भेजे गए ग्रूप में गृह कार्य की प्रिन्ट निकाल कर जिस विद्यार्थी का गृह कार्य है उसका पोर्टफोलियों फाईल में जाँच कर रखी जाती है।इस तरह उनका अधिगम दस्तावेज संधारित किए जाते है।
ReplyDeletemobile phone ke Madhyam se WhatsApp group Banakar Shikshan Karya karvaya Gaya
ReplyDeleteकोविड -19 वैश्विक महामारी के कारण कोरोना काल में स्मार्टफोन के द्वारा ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की गयी
ReplyDeleteIn lockdown period of covid-19 when schools were closed first of all I made a contact with parents and students regarding their smart phone number then I created class wise and subject wise group. Through these WhatsAppgroups sharedteaching learning materials to them and took their regular assessment.
ReplyDeleteThose students who haven't access of of any digital device were given information how to use PM e Vidya, Swayam Prabha and diksha channel. Time to time I went to their area to contact them and to assess their work.
कोविड 19 के समय में छात्रो को स्मार्ट फोन के माध्यम वाट्सएप ग्रुप मे आडियो , वीडियो ' पी॰ डीठ एफ बनाकर छात्रो तक पहुचापा तथा जिन वियार्थियो के पाज स्मार्ट फोन नही थे उनके पड़ोस में सम्पर्क कर बच्चो तक पाठ्पजामग्री पहुचाई इसी प्रकार बच्चों का मूल्यांकन किपा ताकि छात्र जुड़े रहे
ReplyDeleteकोविड-19 लॉकडाउन के दौरान छात्र और छात्राओं को ऑनलाइन जूम एप वीडियो बनाकर तथा व्हाट्सएप के माध्यम से पढ़ाया गया जिन छात्र-छात्राओं के पास एंड्राइड फोन नहीं था उनके लिए उनके साथियों के एंड्रॉयड फोन से मदद ली गई तथा उन्हें वर्कशीट के माध्यम से भी सहायता दी गई।
ReplyDeleteकोरोना काल मे मै विद्यार्थियो से आनलाइन माध्यमों से continuous सम्पर्क मे रही।covid-19 protocols follow करते हुए अध्ययन सामग्री बच्चो तक online माध्यम से भेजी।
ReplyDeleteअपनी कक्षा के विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यमों से नियमित सम्पर्क में रही। जिसके तहत SMILE के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित अध्यापन कार्य करवाया गया। वाट्सएप्प पर विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर उन्हें pdf file, video, quiz आदि माध्यमों द्वारा प्रतिदिन अध्यापन कार्यों से जोड़े रखा।
ReplyDeleteपुराना काल में लॉकडाउन के दौरान छात्र छात्राओं का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया उस के माध्यम से छात्रों को अध्यापन से जोड़ा गया
ReplyDeleteलॉकडाउन के दौरान छात्र छात्राओं का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया जिसके द्वारा छात्रों को अध्यापन से जोड़ा गया
ReplyDeleteकोविड काल में कक्षा शिक्षण संपूर्ण रूप से बाधित रहा । बच्चों का अहित ना हो इसलिए शिक्षण के नए तरीके विकसित किए गए ।जिसमे ऑनलाइन शिक्षण मुख्य था। इस समय आइसीटी का प्रयोग आवश्यक हो गया था । मेरे द्वारा बच्चों के लिए ऑनलाइन मोड में विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । ग्रामीण परिवेश होने के कारण बच्चे इस प्रकार की आइसीटी टूल से अनभिज्ञ होते हैं । लेकिन समय के साथ बच्चों ने भी इसे आत्मसात कर लिया है । गूगल फॉर्म , व्हाट्स ऐप , एवं टेलीग्राम ऐप के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण निरन्तर जारी है ।
ReplyDeleteDuring this pandemic each and every method of modern technology was used and still the process of teaching learning is going on. It has given both an opportunity to teach and learn and made both more aware.
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ReplyDeleteलोक डॉन के दौरान छात्र छात्राओं का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर अध्यापन से उनको जोड़ा गया
ReplyDeleteलोक डाउन के दौरान छात्र-छात्राओं का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर हम को अध्ययन से जोड़ा गया
ReplyDeleteWhatsapp group,phone calls,google meet, and with the help of P T A members,S M C members of school
ReplyDeleteWhatsapp group, video call,google meet,google class room etc
ReplyDeleteWhatsApp pr group bna kr online shiksha di gyi or jin students k pass mobile nhi hone pr covid19 ki palna krte hue shiksha di gyi.
ReplyDeleteSmile 3.0 एवं आओ घर पर सीखें कार्यक्रम के तहत बच्चो को शिक्षण सामग्री एवं गृह कार्य दिया गया एवं प्रतिदिन calling के माध्यम से उन्हें इस परिस्थिति मे अधिक से अधिक सीखने हेतु निरंतर प्रेरित किया गया।
ReplyDelete- बीना नाहर
मैंने प्रत्येक बच्चे के घर जाकर व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क किया उन्हें तथा उनके अभिभावकों को समझाया और आनलाईन क्लास के माध्यम से निरंतर अध्ययन कार्य जारी है।
ReplyDeleteस्मार्टफोन की विभिन्न तकनीकों के द्वारा विद्यार्थियों से जुड़े रहे
ReplyDeleteविधार्थियों से ऑनलाइन सम्पर्क किया.... whatsapp quiz....pdf.... YouTube भेजें।
ReplyDeleteOnline what's up app ki help se
ReplyDeleteWhat's up app ki help se
ReplyDeleteइस दौरान में विद्यार्थियों से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से जुड़ी जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं थे उनके दोस्तों से जोड़ करके मैंने उनसे बातचीत जारी रखी ऑफलाइन बढ़ाया के लिए भी मैं गांव में घर घर जाकर उनको पढ़ाया
ReplyDeleteकक्षा 12 ग्रुप बना करके हमें ऑनलाइन कार्य भेजा गया सीरियल फाइल भेजी गई इस माई के द्वारा और घर पर जाकर भी बच्चों को पढ़ाया गया
ReplyDeleteकोरोना काल में निदेशालय द्वारा दिये गए निर्देश के तहत ई कन्टेन्ट के माध्यम से छात्रो को पढ़ाया गया
ReplyDeleteCorona वैश्विक महामारी के कारण विद्यालय बंद रहे जिस वजह से शिक्षण कार्य बाधित रहे । इस दौरान आइसीटी टूल का प्रयोग शिक्षण अधिगम के लिए आवश्यक हो गया था । छात्रों के लिए विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन प्रतियोगिताएं आयोजित की गई । ग्रामीण परिवेश के छात्र इस प्रकार की प्रतियोगिताओं से अनभिज्ञ होते हैं । क्योंकि उनके पास संसाधन उपलब्ध नहीं होते ।
ReplyDeleteकोरोना काल मे Whatsapp Group बनाकर विद्यार्थियों के पास डिजिटल माध्यम SMILE 3.0 से शिक्षण सामग्री पहुँचाई, निदेशालय द्वारा दिये गए निर्देशों के तहत अपनी कक्षा के विद्यार्थियों से ऑनलाइन माध्यमों से नियमित सम्पर्क में रहा। जिसके तहत व्हाट्सएप के द्वारा विद्यार्थियों को नियमित अध्यापन कार्य करवाया गया। व्हाट्सएप पर विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर उन्हें pdf file, video, quiz आदि माध्यमों द्वारा प्रतिदिन अध्यापन कार्यों से जोड़े रखा।
ReplyDeleteSmile 3 group बनाकर whatsapp पर content send करना
ReplyDeletenice presentation
ReplyDeleteWhatsapp के माध्यम से सम्पर्क में रहे।
ReplyDeleteकोरोना के समय में विभाग द्वारा समय समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप शिक्षण कार्य करवाया गया । ऑनलाइन शिक्षण के रूप में स्माइल कार्यक्रम , शिक्षा वाणी , शिक्षा दर्शन इत्यादि कार्यक्रम को प्रत्येक विद्यार्थियों तक पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया गया।ग्रामीण अंचल में ऑनलाइन शिक्षण में कुछ परेशानियां भी आई जिनको शिक्षा दर्शन , शिक्षा वाणी के माध्यम से हल किया गया। घर जाकर भी संकटकालीन समय में विद्यार्थियों की समस्या का समाधान किया गया
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान छात्रों को मोबाइल के माध्यम से पढ़ाया गया, व्हाट्स एप्प के माध्यम से प्रत्येक कक्षा का ग्रुप बनाकर उन्हें पढ़ाया गया। जिनके पास मोबाइल नही था, उन्होंने अपने दोस्तों के मोबाइल से काम किया। उनके घर जाके वर्कशीट पहुचाई गयी।
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