कोर्स 03 : गतिविधि 1 - अपने विचार साझा करें
‘खुशी’ शब्द के बारे में सोचें। जो आपके दिमाग में तुरंत आए उसे साझा करें। यदि कोई व्यक्ति ‘खुशी’ के बारे में कुछ साझा करता है, जो आपके द्वारा साझा किए गए से बिलकुल अलग है तो आपको कैसा लगेगा? इस अंतर के क्या कारण हो सकते हैं? अपनी समझ साझा करें।
‘खुश’ शब्द के बारे में सोचें
ReplyDeleteकितनी भी छोटी चीज़ क्यों ना हो अगर वो मन के मुताबिक होता है तो, मेरी ख़ुशी का ठिकाना नही रहता😊
DeleteKhushi word ek positive emotions hai .
Deleteखुशी शब्द अपने आप में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है ।
Deleteसब से बड़ी खुशी तब हासिल होती है जब आप कठिन मेहनत करें, और सफलता के नए अंजाम को प्राप्त हो
Deleteखुशी मानसिक संतुष्टि हे, तथा एक दुसरे के प्रति अच्छी एव सकारात्मक सोच के साथ हमे अपने व्यवहार को विनम्र एंव मृदु बनाए रखना चाहिए
Deleteखुशी वह मानसिक स्थिति तथा तथा भावना है जो कि किसी भी स्थिति में मिल सकती है । किसी को दूसरे की मदद करने में खुशी मिलती है तो किसी को दूसरे को परेशान करने में। खुशी से अर्थ सभी के लिए अलग अलग है और किसी एक के खुशी के प्रति अपने विचारों को हम अपने विचारों से नहीं दबा सकते
Deleteमनोदशा
Delete‘खुशी’ शब्द के बारे में सोचें
ReplyDeleteखुशी अपने स्वयं की मानसिक स्थिति पर निर्भर करती है॥
DeleteHappy is the word which fulfilled human life with enjoyment and if anyone is happy he/she do his or her work more effectively....
Deleteसफलता प्राप्त के पश्चात जो मानसिक स्थिति होती है उसे हम खुशी कह सकते हैं
ReplyDeleteकितनी भी छोटी चीज़ क्यों ना हो अगर वो मन के मुताबिक होता है तो, मेरी ख़ुशी का ठिकाना नही रहता
Deleteखुशी एक मानसिक अवस्था है जो बहुत छोटी सी वस्तु या विचार से मिल सकती है
ReplyDeleteIt is word that destroy sorrow
ReplyDeleteअपनी व्यस्त दिनचर्या से जब स्वयं के लिए थोड़ा सा समय निकाल पाती हूं ,तो खुशी मिलती है। खुशी के मायने सबके लिए अलग-अलग हैं । प्रत्येक व्यक्ति के विचार एक दूसरे से मिले ,ऐसा नहीं हो सकता ,क्योंकि हर एक का व्यक्तित्व अलग-अलग होता है ।मेरा मानना है कि जब हम सामने वाले व्यक्ति के व्यक्तित्व को स्वीकार कर लेते हैं तब हमें मन से संतुष्टि ,आनंद और प्रसन्नता की अनुभूति होती है ।
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ReplyDeleteमनचाही वस्तु स्थिति प्राप्त करने पर होने वाली मानसिक दशा खुशी है।
Deleteखुशी होना एक प्रकार की संतुष्टि है जो किसी को अपने उद्देश्य पूर्ति के उपरांत होती है या किसी एच्छिक या अप्रत्याशित प्राप्ति के उपरांत l
ReplyDeleteखुशी - जब हमको कुछ अप्रत्याशित प्रिय चीज मिल जाती है तो हमको बहुत खुशी होती है। जब हमारे बच्चे या हम सफलता प्राप्त करते हैं तो भी हम लोगों को बहुत खुशी होती है।
ReplyDeleteखुशी का अर्थ हरेक के लिए अलग अलग होता है।मेरे लिए खुशी मेरे छात्रों मैं अपेक्षित सुधार का दिखना है जबकि बच्चे के लिए अपने दोस्तों के साथ खेलना हो सकता है।उनके टेस्ट में अच्छे नम्बर आना है।
ReplyDeleteखुशी एक मानसिक अवस्था है जिसमें हमें आनन्द की अनुभूति होती है।
ReplyDeleteएक अच्छी मानसिक दशा वो होती है जो दूसरों के विचारों का सम्मान करें
ReplyDeleteजब हमारी कोई इच्छित वस्तु मिल जाती है या कोई काम बन जाता है तो ख़ुशी मिलती है लेकिन ये सबके लिए एक जैसी नहीं हो सकती एक कच्ची बस्ती में रहने वाले के लिए शायद खाने को मिठाई मिल जाना भी ख़ुशी हो जाए और माध्यम वर्ग के व्यक्ति को किसी मिठाई से ख़ुशी भी ना मिले l हमारी परिस्थिति और परिवेश और समय के अनुसार खुशियाँ भी बदलती रहती है
ReplyDeleteखुशी से अर्थ है मन की एक स्थिति जिसमें हम अच्छा महसूस करते हैं जिसमें हमें सब चीजें अच्छी नजर आती है
ReplyDeleteKhushi yani mere karan dusre muskraye
ReplyDeleteबांटने से खुशी मिलती है
खुशी मन की एक अनुभूति है, जो मुझे एक नई ऊर्जा से भर देती है,जब मैं किसी की सहायता करती हूं/किसी असहाय जीव को उसकी आवश्यकता अनुरूप वह सहायता देती हूं जो उसे उस समय चाहिए, एवम अपने कर्त्तव्य को अच्छे से पूर्ण करती हूं तब मेरा मन प्रसन्नता से भर जाता है शायद इसे ही खुशी का अनुभव होना कहते है।
ReplyDeleteआध्यात्मिक ज्ञान जरूरी है ।
ReplyDeleteखुशी से तातपर्य है कि व्यक्ति की अपेक्षाओं या आशाओं की पूर्ति होना। यदि हम कोई भी कार्य करते हैं और उसको करने के बात हमे सकारात्मक परिणाम प्राप्त होता है तो वह खुशी है।
ReplyDeleteखुशी एक ऐसी मानसिक अवस्था है जिसमें हमारा मन और मस्तिष्क बहुत शांत होता है और हम आनंद का अनुभव करते हैं
ReplyDeleteखुशी जब यह शब्द अपने दिमाक मे आता है तो आत्मिक शांति की अनुभूती होती है
ReplyDeleteजब किसी अन्य के विचार अलग है तो इसका मतलब हर व्यक्ति की सोच अलग -अलग मानसिक स्थिति पर निर्भर करती है
खुशी में आनंद की अनुभूति होती है। मन में अच्छे विचार आने पर ख़ुशी प्राप्त होती है। खुशी एक मनःस्थिति है।
ReplyDeleteयदि कोई व्यक्ति ख़ुशी के बारे में मुझसे अलग साझा करता है तो मुझे अच्छा लगेगा, एक नई अवधारणा जानने को मिलेगी। इस अंतर का कारण उसकी शिक्षा, विवेकपूर्ण चिंतन, पिछले अनुभव, पारिवारिक पृष्ठभूमि, सामाजिक व धार्मिक मान्यताएँ इत्यादि हो सकती हैं।
for me happiness means joy....happiness means real smile ...special types feelings...happiness means extra energy ......
ReplyDeleteसफलता प्राप्त होना
ReplyDeleteKaruna Negi
ReplyDeleteGIC PAITNA (Nainital)
When I heard the world ' Happiness' I just recalled someone's name.
Our views can be different from others because Not even we belong a different family, culture, environment but also belong a different state......we should respect others views.
And how I feel....... sometimes we think how much he knows and on the other second we try to judge them according to their views.....and many other ways in which we response
Kisi Pariksha Mein Safal hone ke upchar Chehre per Jo Bhav Hain Prakash hote hain Kahate Hain
ReplyDelete'खुशी'शब्द के बारे में सोचते ही जो पहली बात मेरे दिमाग में आई वह यह है कि खुशी मेरे एक रिश्तेदार की बेटी है जिसकी शादी में मैं शामिल हुआ था ।हर व्यक्ति का किसी वस्तु पर भिन्न विचार होते हैं जो उनकी उम्र, व्यक्तिगत अनुभव आदि पर आधिरित होता है । हरेक व्यक्ति का विचार स्वागत योग्य होना चाहिये ।
ReplyDeleteअपने व्यस्त दिनचर्या से जब हम अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल पाते हैं तो खुशी की अनुभूति होती है या जब हम दूसरे व्यक्ति के गुणों को स्वीकार कर लेते हैं तब हमें आनंद और प्रसन्नता की अनुभूति होती है यही खुशी है
ReplyDeleteI feel relaxed and joyful
ReplyDeleteखुशी मानसिक संतुष्टि हे, तथा एक दुसरे के प्रति अच्छी एव सकारात्मक सोच के साथ हमे अपने व्यवहार को विनम्र एंव मृदु बनाए रखना चाहिए
ReplyDeleteमेहनत करने के बाद मिली सफलता ।
ReplyDeleteजैसे इसी कोर्स को सफलता पूर्वक करने में मिलेगी।
खुशी का अर्थ है आत्म संतुष्टि अर्थात वह अनुभव जो हमें आत्म संतुष्टि प्रदान करें।
ReplyDeletegive reason someone to lauagh and help others
ReplyDeleteखुशी शब्द से आशय है कि जब तन मन समस्त चिंता और तनाव से मुक्त रहे और स्वयं तथा दूसरों को भी आनंदित करें।
ReplyDeleteखुशी मन मस्तिष्क और तन की वह अवस्था है जब प्राणी की समस्त अभिव्यक्ति आनंद से सराबोर होती है
ReplyDeleteकिसी भी छात्र को कार्य करने के पश्चात उसके कार्य को सराहा जाता है या प्रशंसा की जाती है तू उसे आनंदमई की या खुशी की प्राप्ति होती है अर्थात जब वह किसी उद्देश्य में सफल होता है तो उसे खुशी प्राप्त हो जाती है खुशी ही उसका अनुभव एवं ज्ञान को बढ़ाने में सहायता करती है
ReplyDeletewhen there is harmony in our thoughts and action ,happiness sets in.
ReplyDeleteखुशी एक मानसिक अनुभूति है जो किसी आवश्यकता की पूर्ति या किसी की मदद करके या कोई सफलता प्राप्त होने पर अथवा किसी भी वस्तु से मिल सकती है हर व्यक्ति को अलग-अलग काम करके अथवा कर्म करके खुशी मिल सकती है । भले इंसान दूसरों की मदद करके खुशी मिलती है , चोर को चोरी करके खुशी मिलती है किसी को दूसरों को परेशान करके खुशी मिलती है। देखा जाए तो खुशी को हम एक मानसिक अवस्था कह सकते हैं जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है उसकी आर्थिक स्थिति के अनुसार भी और उसके मानसिक स्थिति के अनुसार भी।
ReplyDeleteकिसी प्रिय वस्तु या प्रिय सूचना की प्राप्ति पर किसी व्यक्ति की जो मनोदशा होती है उसे हैम " खुशी" कह सकते है। खुशी की स्थिति में व्यक्ति की भावभंगिमा व व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है। उसमें एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो जाता है।
ReplyDeleteHappiness means getting satisfied what u have done
ReplyDeleteकिसी कठिन काम को पूर्ण कर लेने के बाद जो आत्म संतोष मिलता है,यह आनंद का अनुभव ही खुशी है।
ReplyDeleteख़ुशी एक संतुष्टि पूर्ण मानसिक अवस्था है| यदि किसी दुसरे व्यक्ति के द्वारा ख़ुशी के बारे में साझा विचार मुझसे भिन्न हैं तो यह उसका व्यक्तिगत अनुभव है|
ReplyDeleteखुशी शब्द हमें रूहानी सुकून देता है जब मैं अपने परिवार, दोस्तों को हंसते मुस्कुराते हुए देखती हूं तो खुशी मिलती हैं। हर एक व्यक्ति के लिए खुशी के मायने अलग-अलग हैं यह व्यक्तिगत भिन्नता और सोचने समझने की बौद्धिक भिन्नता को दर्शाता है।
ReplyDeleteजिस कार्य को करने से मन को सकून मिले और किसी का अहित ना हो वही खुशी है।
ReplyDeleteखुशी शब्द मानसिक,शारीरिक सुख की अनुभूति को दर्शाता है।
ReplyDeleteप्रत्येक व्यक्ति की खुशी के केंद्र, साधन अलग अलग हो सकते हैं।
यह विभिन्नता बताती है कि प्रत्येक का व्यक्तित्व अलग है,गलत नही अपितु अलग है।
ख़ुशी एक मानो भाव है जो अलग अलग मनुस्य के लिए भिन्य भिन्य होते है, एक इंसान अगर किसी बात के लिए खुशी महसूस करता है, तो हो सकता है कोई अन्य इंसान उसी छन उसी बात से दुख का अनुभब करें.साधारण अर्थो मे खुशी मनुष्य की आर्थिक, सामाजिक तथा मानसिक संतुस्टी का भाव है।
ReplyDeleteखुशी शब्द मानसिक शारीरिक सुख की अनुभूति को दर्शाता है! प्रत्येक व्यक्ति की खुशी के केंद्र साधन अलग-अलग हो सकते हैं! यह विभिनता बताती है कि पढ़ते का व्यक्तित्व अलग है यह सही है या गलत है लेकिन अलग है! खुशी के मायने हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं यह उसके व्यक्तित्व और उसकी इच्छाओं पर निर्भर करता है!
ReplyDeleteकिसी विशेष समय पर अनुकूल घटनाओं के कारण मन मस्तिष्क और शरीर में होने वाले सुखद अनुभव को खुशी कहते हैं
ReplyDeleteखुशी एक मनोभाव है , यह किसी साधन या अवसर के मोहताज नहीं होती जैसे - एक गरीब बच्चा मिट्टी में खेल कर भी वही खुशी प्राप्त कर लेता है जो एक अमीर बच्चा खिलौनों के साथ खेलने से प्राप्त करता है।
ReplyDeleteJb mehnat se kiye gye karyo mai safalta milti h to us samay khushi ki prapti hoti h.
ReplyDeleteखुशी का अर्थ मानसिक शान्ति से हैं मन शान्त होने पर तथा सफलता प्राप्त होने पर हमे खुशी होती है कभी कभी अपने प्रिप जनों से आकस्मिक मुलाकात होने पर खुशी होती हैं इसलिए खुश होने कारमध जगह व समप के अनुसार अलग अलग होता है । विधार्थी मे खुशी किती को अपनी सफलता व किसी को अपने दोस्तों से मिलने मे होती हैं । इस लिए खुशी का अर्थ भिन्न भिन्न है।
ReplyDeleteखुशी एक मन की अनुभूति है। जो मन में एक नई ऊर्जा भर देती है।
ReplyDeleteअपनी पसंद का काम करने पर जो अनुभूति प्राप्त होती है उसे खुशी कहते हैं
ReplyDeleteख़ुशी !! मेरे स्कूल में पढ़ने वाली एक प्यारी सी बच्ची।
ReplyDeleteअपनी व्यस्त दिनचर्या से जब स्वयं के लिए थोड़ा सा समय निकाल पाती हूं ,तो खुशी मिलती है। खुशी के मायने सबके लिए अलग-अलग हैं । प्रत्येक व्यक्ति के विचार एक दूसरे से मिले ,ऐसा नहीं हो सकता ,क्योंकि हर एक का व्यक्तित्व अलग-अलग होता है ।मेरा मानना है कि जब हम सामने वाले व्यक्ति के व्यक्तित्व को स्वीकार कर लेते हैं तब हमें मन से संतुष्टि ,आनंद और प्रसन्नता की अनुभूति होती है
ReplyDeleteWhen something unexpected happens...it gives us unbounded joy..but the meaning of happiness is different from person to person..
ReplyDeleteजब मैं खुशी के बारे में सोचता हूं तो मैं यह सोचता हूं कि जब मैं अपने परिवार के साथ होता हूं तब आनंद का अनुभव करता हूं तो मुझे काफी खुशी मिलती है
ReplyDeleteकक्षा कक्ष शिक्षण के विषय में खुशी का अत्यंत महत्व है यदि हम प्रसन्न चित्त होकर के कक्षा कक्ष में जाएं तो बच्चों की लर्निंग काफी अच्छी होती है
ReplyDeleteखुशी शब्द व्यापक तथा संकुचित, दोनों संदर्भों में हमारे जीवन में अपना प्रभाव रखता है। संकुचित अर्थ में यह निर्भर करता है हमारी इच्छाओं की पूर्ति पर। कोई भी मनुष्य हो सदैव अपनी उचित-अनुचित इच्छाओं की पूर्ति के प्रयास करता है और यदि वह इसमें सफल हो जाता है तो उस सीमित समय में वह अत्यंत ख़ुशी अनुभव करता है। व्यापक अर्थ में देखें तो यह वह क्षण है जब हम स्वयं से जुड़े लोगों, अपने समाज या प्रकृति में उपस्थित जीव-जंतुओं के लिये कोई सकारात्मक कार्य करके प्रसन्न होते हैं। यह प्रसन्नता अपेक्षाकृत दीर्घकालिक होती है।
ReplyDeleteखुशी , जो आपके चित्त को शांत करे
ReplyDeleteइच्छित प्राप्ति पर होने वाली अनभूति।
ReplyDeleteBecause each one has his own pleasures and hobbies
ReplyDeleteHappiness is the result of pleasant experiences in our life.
ReplyDeleteI'll appreciate his/ her feelings because we all have our own reasons that makes us happy 😊
खुशी हमारे जीवन का एक सकारात्मक पहलू है। जब हम खुश होते हैं तो हम दूसरों को भी खुशी दे सकते हैं ।एक खुशी व्यक्ति कभी दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचाता, वह अपने सभी कार्यों को अच्छी तरह कर पाता है ।सभी को एक ही प्रकार से खुशी नहीं मिलती - उदाहरण के लिए -छोटे बच्चे अच्छा खाना, अच्छे खिलौने या अच्छे कपड़े पाकर खुश होते हैं विद्यार्थी कक्षा में अच्छे अंक पाने से ज्यादा खुश होते हैं, कोई गरीब व्यक्ति कहीं से धन प्राप्त करके खुश हो जाता है तो एक बीमार व्यक्ति अपनी बीमारी ठीक होने से खुश हो जाता है। यह जरूरी नहीं है कि मैं जिस वस्तु या परिस्थिति से खुश हो जाऊं, दूसरा व्यक्ति भी उसी से खुश हो जाए या उसको किसी चीज से खुशी मिलती है मैं भी उसी में खुश हो जाऊं। दूसरों की खुशी की वजह मेरी खुशी की वजह से बिल्कुल अलग भी हो सकती है, ऐसी स्थिति में मुझे कई बार बुरा भी लग सकता है क्योंकि हम दोनों के विचार अलग-अलग हैं। इसी प्रकार भिन्न भिन्न व्यक्तियों को भिन्न-भिन्न परिस्थिति से खुशियां मिलती है। यहां हममें से कोई गलत नहीं है, पर हमारे विचार और परिस्थिति अलग-अलग हैं। इसी विचार में अंतर के कारण दूसरे व्यक्ति ने खुशी के बारे में जो विचार साझा किए हैं, वे मेरे विचारों से अलग हो सकते हैं, जो मुझे अच्छा नहीं भी लग सकता है।पर यदि हम एक-दूसरे की खुशी में खुश हो जाएं तो हम एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण कर सकते हैं।
ReplyDeleteशिक्षण के विषय में खुशी का अत्यंत महत्व है यदि हम प्रसन्न चित्त होकर के कक्षा कक्ष में जाएंऔर बच्चों की लर्निंग के बाद बच्चों को खुश करके स्वयं खुश होकर बाहर आते हैं तो अत्यंत खुशी होती है।
ReplyDeleteशिक्षण में खुशी का अत्यंत महत्व है जब हम खुशी से कक्षा कक्ष में जाते हैं और लर्निंग एवं अपने व्यवहार से बच्चों को खुश करके खुशी से बाहर निकलते हैं तो अत्यंत खुशी होती है
ReplyDeleteJab hum kisi jarurat mand jeev ki madad karte he to dil ko bahut khusi milti he
ReplyDeleteखुशी एक आत्मिक शांति है जो हर उस काम को करके मिलती है जिसकी तमन्ना दिल में होती है या और जिसे करके आत्मिक सुख प्राप्त होता है यह जरूरी नही की वह खुद के कार्यो से प्राप्त हो खुशी ऐसी जगह से भी प्राप्त हो सकती है जिससे मानसिक शांति का अनुभव हो ...
ReplyDeleteखुशी एक अनुभूति है जो प्रत्येक के लिए अलग है परंतु मेरे लिए वो हर एक कार्य जिससे मुस्कुराहट अपने आप आ जाएं खुशी हैमुस्कुराहट खुशी है लेकिन हँसना खुशी नही है
ReplyDeleteHappiness is inside of our heart. Every thing which gives a pleasure to us is happiness. Happy soul is a healthy soul.
ReplyDeleteखुशी एक प्रकार का मानसिक संतोष की प्राप्ति है।
ReplyDeleteखुशी के विषय मे हर एक व्यक्ति का अलग विचार हो सकता है क्यो कि यह उस व्यक्ति के अतीत के अनुभवो पर आधारित होता है कि उसका खुशी शब्द के प्रति कैसा दृष्टिकोण है।
मेरे लिए खुशी का मतलब है आसपास का एक ऐसा वातावरण जिसमें मुझे प्रसंता की अनुभूति होती है और साथ ही मेरी प्रसंता के कारण मेरे अपने भी प्रसन्न होते हैं एक ऐसा उल्लास मुझे खुशी प्रतीत होता है जब मैं कोई इच्छित वस्तु प्रिय व्यक्ति या किसी ऐसे स्थान पर होता हूं जो बेहद ही आनंददायक होता है मैं कहूंगा कि मुझे खुशी है कभी-कभी अपनों की सफलता और कभी दूसरों की सफलता और कभी खुद की सफलता मुझे मुझे खुशी देती है कभी-कभी तो खुशी के कारण मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं और कभी खुशी का अनुभव होने में मुस्कुरा नहीं पाता क्या कहूं कि खुशी क्या है एक छोटा सा पल एक लंबा वक्त
ReplyDeleteचलो खुशी का कोई गीत गुनगुनाए,चलो खुशी का कोई गीत गुनगुनाए|
तुम भी मुस्कुराओ हम भी मुस्कुराए,तुम भी मुस्कुरा हो हम भी मुस्कुराए,
चलो खुशी का कोई गीत गुनगुनाए
मेरे मन की यही भावना खुशी है जब हम खुश होते हैं तो कुछ कुछ नया करते हैं
खुशी एक अनुभूति , आत्मिक संतुष्टि है जब हम खुश होते है तो सभी कुछ अच्छी तरह कर लेते है जहां तक शिक्षण के बारे मे खुशी की बात है तो जब शिक्षक खुशी मन से कक्षा में प्रवेश करते है तो बच्चे भी खुशी मन से काम करते है।सभी के लिए खुशी प्राप्त करने हेतु अलग अलग साधन होते है
ReplyDeleteख़ुशी एक ऐंसा शब्द है जिसके बारे में सोचने से मस्तिष्क में सकारात्मक भावनाओं एवं ऊर्जा का प्रवाह होता है।बिना खुश मन से किसी भी कार्य को कुशलतापूर्वक कर पाना मुश्किल है।कक्षा शिक्षण में ख़ुशी का अपना महत्त्व है।कक्षा कक्ष में शिक्षक एवं छात्र ख़ुशी के साथ रहे तो शिक्षण कार्य एवं अधिगम की प्रक्रिया रुचिकर हो सकती है।
ReplyDeleteजब हम किसी परीक्षा में सफल होते है तो वह अपने आप में बहुत बड़ी खुशी होती है। खुशी एक ऐसी मानसिकता है जो हमे आत्मिक संतोष प्रदान करती है।
ReplyDeleteखुशी से मस्तिष्क में सकारात्मक विचार आते हैं कक्षा में विद्यार्थियों के साथ शिक्षण कार्य यदि खुशी से किया जाए तो वह रोचक बन जाता है
ReplyDeleteHappiness provide extra energy to do some creative works.
ReplyDeleteखुशी होना एक प्रकार की संतुष्टि है जो किसी को अपने उद्देश्य पूर्ति के उपरांत होती है या किसी एच्छिक या अप्रत्याशित प्राप्ति के उपरांत l
ReplyDeleteAnju Rani
ख़ुशी एक मनः स्थिति है जो हमे उत्साहित एवं प्रोत्साहित करती है।
ReplyDeleteKhusi वो है जो अंतर्मन को आनंदित कर देती है.
ReplyDeleteखुशी एक ऐसी मानसिक अवस्था है जिसमें हमारा मन और मस्तिष्क बहुत शांत होता है और हम आनंद का अनुभव करते हैं।जब हम खुशी से कक्षा कक्ष में जाते हैं और लर्निंग एवं अपने व्यवहार से बच्चों को खुश करके खुशी से बाहर निकलते हैं तो अत्यंत खुशी होती है
ReplyDeleteTappiness is dependent on our mind.the role of external things in happiness is negligible.
ReplyDeleteवह छोटी से छोटी चीज जो मुझे पसंद होती है जब घटित होती है तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहता
ReplyDeleteमेरी खुशी और दूसरे की खुशी में अंतर हो सकता है यहां अंतर उसके अपने पूर्वाग्रहों के कारण या भौगोलिक क्षेत्र की बनावट के कारण हो सकते हैं अतः हर व्यक्ति की खुशी उसके दृष्टिकोण पर आधारित होती है।
जब कोई कार्य, या घटना हमारे मन के अनुकूल होती है तो हम खुश होते है
ReplyDeleteजब कोई कार्य या घटना हमारे अनुकूल होती है तो हमें खुशी होती hai
ReplyDeleteऐसी कोई घटना जिस के घटित होने से ऐसी कोई वस्तु जिसके मिलने पर ऐसा कोई व्यक्ति जिसके साथ होने पर पास होने पर तथा ऐसा कोई स्थान जिस पर पहुंचने पर हृदय में आनंद और उल्लास छा जाए वही खुशी है मैं खुश होता हूं जब मेरा कोई अपना कोई सफलता प्राप्त करता है या मेरी सफलता में भागीदार बनता है मैं खुश होता हूं जब मेरे खुद मेरे खुश होने से अन्य सब खुश होते हैं खुशी वास्तव में मन की एक ऐसी अवस्था है जिसे शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता एक छोटी सी बात बहुत बड़ी खुशी दे जाती है और एक बहुत बड़ी प्रसंता पर हम केवल मुस्कुरा कर रह जाते हैं
ReplyDeleteहर वो पल जो मै अपने परिवार के साथ बिताता हूँ विशेष कर अपनी बिटिया के साथ उससे बड़ी कोई खुशी नही।
ReplyDeleteहमारी खुशी और बच्चों की खुशियों में जमीन आसमान का अंतर है हम विशेष परिस्थितियों अवसरों पर खुशी जाहिर करते हैंछात्रों के लिए एक मेडल प्राप्त करना बेहतर अंक लाना खेल में भी जीत होना उन्हें शाबाशी देना उनकी प्रशंसा करना उन्हें एक पेंसिल एक कॉपी भी अगर मिल जाए तो उससे भी बहुत खुश हो जाते हैं खुशी का कोई एक कारण नहीं होता है बच्चों के लिए मां-बाप का दुलार ही खुशी है एक नई कमीज मिल जाती है वह भी खुशी का कारण बन जाती हैछात्रों को विद्यालय में इस प्रकार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं जब वह अपने आप को बेहद खुश महसूस करें किसी छात्र को जो अच्छा करता है प्रशंसा मिलती है तो वह खुशी से फूले नहीं समाते बच्चों के लिए मिलने वाली खुशियां मोटिवेशन का कार्य करती है और उन्हें लगन परिश्रम के साथ सीखने के लिए प्रेरित करती हैं
ReplyDeleteखुशी एक मानसिक अनुभूति है। मेरे लिए खुशी का मतलब है आसपास का एक ऐसा वातावरण जिसमें मुझे प्रसन्नता की अनुभूति होती है और साथ ही मेरी प्रसन्नता के कारण मेरे अपने भी प्रसन्न होते हैं एक ऐसा उल्लास मुझे खुशी से प्रतीत होता है ।जब मैं कोई इच्छित वस्तु, प्रिय व्यक्ति या किसी ऐसे स्थान पर होता हूं जो बेहद ही आनंददायक होता है तो मैं कहूंगा कि मुझे खुशी है। कभी अपनों की सफलता और कभी दूसरों की सफलता और कभी खुद की सफलता मुझे मुझे खुशी देती है। कभी-कभी तो खुशी के कारण मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं और कभी खुशी का अनुभव होने पर मुस्कुरा नहीं पाता। क्या कहूं कि खुशी क्या है? एक छोटा सा पल, एक लंबा वक्त।
ReplyDeleteचलो खुशी का कोई गीत गुनगुनाए,चलो खुशी का कोई गीत गुनगुनाए|
तुम भी मुस्कुराओ, हम भी मुस्कुराए।
मेरे मन की यही भावना खुशी है।
खुशी एक आंतरिक संवेग है,जो व्यक्ति के चेहरे के भावों से भी दिखाई पड़ती है।जब व्यक्ति की मांग या आवश्यकता पूरी होती है तो ख़ुशी होती है। व्यक्ति से व्यक्ति में अलग अलग होती है।मुझे कुछ अजीब नहीं लगेगा क्योंकि सबकी समझ अलग होती है।
ReplyDeleteIt's a feeling when my students achieve success and they feel happy to share it with me
ReplyDeleteखुशी सबके लिए अलग-अलग हो सकती है अगर कोई टॉपिक किसी के लिए या कोई बात किसी के लिए खुशी हो सकती है लेकिन वही दूसरे के लिए खुशी नहीं हो सकती उदाहरण के लिए अगर कोई बच्चा अपनी कक्षा में टॉप आता है तो गया उसके लिए खुशी का विषय है लेकिन वह अन्य बच्चों के लिए उतना खुशी का विषय नहीं हो सकता क्योंकि वह कक्षा में टॉप नहीं आया अतः खुशी के मानक भी अलग-अलग हो सकते हैं
ReplyDeleteखुशी एक आत्मिक शांति है और यह किसी काम को पूरा करने पर मिलती है।अगर दूसरे व्यक्ति की विचारधारा अलग है तो मुझे उससे कोई परेशानी नहीं है । क्यों कि सब अपनी रुचि के अनुसार सोचते हैं।
ReplyDeleteKhushi ek prakar ki Anubhuti hai mere ko Khushi milati hai jab bacchon mein AnandaYak shikhan karke unke shikshan me gunvatta ka Vikas Ho
ReplyDeleteKhushi ek tatkalik anubhuti hai jo bahit sukhad hoti hai.Khushi ka Karan sabke alag alag hote hai.
ReplyDeletePratyek buakti alag alag alag karno se khush hote hai.
ReplyDeleteखुशी सबके लिए अलग-अलग हो सकती है अगर कोई टॉपिक किसी के लिए या कोई बात किसी के लिए खुशी हो सकती है लेकिन वही दूसरे के लिए खुशी नहीं हो सकती उदाहरण के लिए अगर कोई बच्चा अपनी कक्षा में टॉप आता है तो गया उसके लिए खुशी का विषय है लेकिन वह अन्य बच्चों के लिए उतना खुशी का विषय नहीं हो सकता क्योंकि वह कक्षा में टॉप नहीं आया अतः खुशी के मानक भी अलग होते हैं
ReplyDeleteअपने में के अनुकूल परिणाम मिलने पर जो अनुभूति प्राप्त होती है वो खुशी देती है।खुशी एक आत्म संतुष्टि का भाव है।
ReplyDeleteसफलता प्राप्त के पश्चात जो मस्तिष्क की स्थिति होती है उसे हम खुशी कह सकते है।
ReplyDeleteख़ुशी मेरे जीवन में तब आई , जब मेरे माता पिता ने मुझ पर विश्वाश जताया की अब ये अपने भाई और बहनो का ध्यान रख सकता हे , और उनकी आँखों में मेने ख़ुशी के आँशु देखे , ये उस समय की बात हे जब मेने अपनी छोटी बहन की शादी में , खर्च के हिसाब के साथ , खर्च में हाथ भी बताया था .
ReplyDeleteबो दिन में कभी नहीं भूल सकता .\nमेरी ख़ुशी का कारन , दुषरों की ख़ुशी के कारन से अलग हो सकता हे , ऐसा इसलिए की मानव का दिमाग अपने सामने की स्थिति को अपने पूर्व अनुभवों से जोड़ कर दिखाता हे , शायद इसलिए ऐसा होता हे , जो परिप्रेक्ष्य का ही एक बिंदु हे
जिस बात की आस हो और वो जाये तो खुशी होती है | विचारों में भिन्नता स्वभाविक है | दूसरे के परिप्रेक्ष्य को जब हम समझते हैं तो भिन्नता प्रदर्शित होने पर भी कष्ट कम होता है |
ReplyDelete'KHUSHI' internal hoti hai. 'KHUSHI' ek ahsaas hai jo kisi kaam ko karne se,kisi priya vastu/vyakti ko dekhne and kisi priya music etc. ko sunne se milti hai.
ReplyDeleteखुशी एक मनोभाव है,जो मन के अनुकूल हो जो मन को उद्वेलित करे उसे खुशी कहेंगे ।
ReplyDeleteKhushi ek emotion hai jisse hamare man ke andar sakaratmak soch aati hai..
ReplyDeleteखुशी एक मानसिक अवस्था है जो बहुत छोटी सी वस्तु या विचार से मिल सकती है।
ReplyDeleteइच्छित कार्य के पूर्ण होने पर जो भाव उत्पन्न होता है वही खुशी है
ReplyDeleteHappiness means a state of contentment where every thing seems to be pleasure in all forms.
ReplyDeleteजब आपके पसंदीदा कार्य पूर्ण होता है ।या आप जब किसी महत्वपूर्ण क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं जो आपके मन में प्रफुल्लता उत्पन्न होती है उसे ही खुशी कहते हैं।।
ReplyDeleteजो एक धनात्मक संवेग है।।
ख़ुशी शब्द सुनते ही मेरे मस्तिष्क में अपने मन में जो भविष्य में पूर्ण होने वाली कामनाएं हैं उन्हें पूर्ण होने की अनुभूति हुई और वास्तव में ख़ुशी महसूस होने लगी I कोई अन्य ख़ुशी के परिपेक्ष में अपनी कुछ अलग भावना व्यक्त कर सकता हैI हमें उसके दृष्टी कोण को भी समझने को पूर्ण प्रयास करना चाहिए और उससे मतान्तर होने पर भी उसके प्रति अपनी भावना को सदेव धनात्मक रखते हुए उसको पूर्ण सम्मान देना चाहिएI
ReplyDeleteखुशी शब्द आत्म सन्तुष्टि प्रदान करने वाला है जो किसी सकारात्मक परिणाम के पश्चात प्राप्त होती है।
ReplyDeleteखुशी शब्द आत्म सन्तुष्टि प्रदान करने वाला है जो किसी सकारात्मक परिणाम के पश्चात मिलती हैं।
ReplyDeleteखुशी एक एहसास है जो हर कोई अपनी मानसिक,शारारिक एवं माहौल के अनुसार ही महसूस कर सकता है, जैसे कोई बरसात मे बारिश से रोमांचित होता है, दूसरा विरह वेदना मे डूब कर आनंदित होता है !
ReplyDeleteख़ुशी में मन प्रसन्न होता है। जब हमें ज़्यादा ख़ुशी मिलती है तो कई बार ऐसा होता हमें ख़ुशी से भूख नही लगती और नीद भी नही आती। और जब हम ख़ुश है तो दूसरे लोगों के लिए हमारा व्यवहार कुछ अलग हो जाता है।
ReplyDeleteWhen I get my salary msg your account credit with ----- thousand ₹ tab mujhe bahut jyada khushi hoti hai
ReplyDeleteखुशी एक ऐसी अनुभूति है जो हर व्यक्ति को अलग-अलग दशा के अनुसार प्राप्त होती है
ReplyDeleteशिक्षा में ख़ुशी का आशय मेरे लिए विद्यार्थियों के शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में सीखने के प्रतिफल की प्राप्ति है।
ReplyDeleteअसली खुशी तब आती है जब,
कहता है मुझे प्रकरण समझ में आ गया है अब मन में विधमान सभी शंखाओं का समाधान हो गया है।
सर आपने अच्छा समझाया।
सब कुछ समझ आया।
दूसरे के विचार मेरे लिये प्रेरणा का काम करने से हैं।
मैं सकारत्मक दृष्टि रखता हूँ।
अलग विचारों का मूल कारण
प्रत्येक व्यक्ति की इस दुनिया को दखने की दृष्टि/दर्शन भिन्न है।
सभी के दर्शन में सोच का एक नया नजरिया समाहित है।
ARVIND SHAH A T LT science GH S S GHOLDANI PRATAPNAGAR tehri
व्यक्ति की इच्छा अनुसार कार्य की सफलता से प्राप्त होने वाली मनोदशा खुशी है, खुशी से मनुष्य के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
ReplyDeleteखुशी के विषय में साझा किए गए विचार प्रत्येक व्यक्ति के दृष्टिकोण से सही माने जाएंगे
ReplyDeleteHappiness comes from heart Sometimes nothing special happens in our life but we feel happy and content.If someone is happy then we should be happy for them also
ReplyDeleteकिसी व्यक्ति की वह स्थिति जिसमें वह आंतरिक व वाह्य रूप से सकारात्मक दिखाई दे। या कहें व्यक्ति की मन के अनुसार सोची इच्छा पूर्ण हो जिससे उनमें सकारात्मकता दिखे, खुशी है।
ReplyDeleteHappiness is the key of every phase of life.
ReplyDeleteHappiness is the Key of life.
ReplyDeleteखुशी एक अनुभूति है, जो जब प्राप्त होती है, तो तन मन खिल जाता है, एक नई उर्जा का संचार होता है।
ReplyDeleteसकारात्मक सोच कही भी ख़ुशी खोज सकती है!
ReplyDeleteखुशी संतुष्टि और आनंद की अनुभूति है।
ReplyDeleteखुशी एक मानसिक अवस्था है जो बहुत छोटी सी वस्तु या विचार से मिल जाती है ।जिसके मिलने पर आनंद की अनुभूति होती है।
ReplyDeleteप्रत्येक व्यक्ति के लिए खुशी का अर्थ अलग-अलग होता है जब व्यक्ति को किसी कार्य से मन में आनंद और प्रसन्नता होती है वही उसकी खुशी कहलाती है l
ReplyDeleteएक सकारात्मक सोच लेकर कक्षा में जाते हैं जो अपने कार्य में पूर्णता प्राप्त करते हैं और हमें खुशी की अनुभूति होती है
ReplyDeleteकिसी उदास बच्चे के चेहरे में मुस्कुराहट अगर मेरी वजह से आये तो मुझे बहुत खुशी होती है
ReplyDeleteखुशी एक एहसास है जिससे मन प्रफुल्लित हो जाता है। लेकिन यदि कोई हमारी खुशी के अनुभव से भिन्न अनुभव प्रकट करता है तो यह उसकी मनोस्थिति पर निर्भर हो सकता है किन्ही दो व्यक्तियों के लिए एक ही शब्द की व्याख्या करने का तरीका भिन्न होना उनके अनुभवों पर निर्भर करता है।
ReplyDeleteछोटी छोटी खुशियों में खुश होने से जीवन में सदैव सकारात्मकता बनी रहती है।
ReplyDeleteकक्षा में मनोयोग से शिक्षण कराने पर सच्ची खुशी महसूस होती है।
ReplyDeleteखुशी मन का एहसास है जिससे हमारा मन प्रफुल्लित हो जाता है जब हमें कोई हमारी इच्छित वस्तु मिल जाती है या हमारी इच्छा अनुसार कोई कार्य पूर्ण हो जाता है या हमें किसी भी चीज में सफलता हासिल हो जाती हैं तो हमें बहुत खुशी मिलती है और जिससे हमारी सोच सदैव सकारात्मक बनी बनी रहती हैं और मुझे सदैव आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिलती है
ReplyDelete'खुशी' मनुष्य के लिए सबसे हितकर औषधि है.प्रश्नता पूर्वक किया गया कार्य अवश्य ही रचनात्मक परिणाम देता है, कक्षा शिक्षण में छात्रों को अभिप्रेरित करने के लिए शिक्षक को पढाते समय प्रश्नचित मुद्रा में रहना चाहिए, जिससे विद्यार्थी संबधित विषय को अधिक रुचि व लगन के साथ समझ सकेंगे,
ReplyDeleteखुश रहना मानव का मूल स्वभाव है।
ReplyDeleteखुशी उस स्थिति को कहा जाता है जब हम मानसिक ,शारीरिक ,भावनात्मक एवं संज्ञानात्मक रूप में अपने आप को सहज स्थिति में पाते हैं ।
ReplyDeleteखुशी में आनन्द की अनुभूति होती है खुशी मानसिक संतुष्टि है.
ReplyDeleteखुशी एक मानसिक संतुष्टि है । विद्यार्थी जीवन में छात्र छात्राओं के लिए शिक्षक द्वारा जब शिक्षण अधिगम प्रकिया के दौरान जब छात्रों को सीखने के प्रतिफल की प्राप्ति होती है उस ख़ुशी को छात्र शब्दों में बयां नहीं कर सकता यही सबसे बड़ी खुशी है।
ReplyDeletekhusi ek positive attitude darshata hai
ReplyDeleteखुशी को दूसरों के साथ बांटना हमेशा अच्छा होता है
ReplyDeleteखुशी एक ऐसी अनुभूति है जो हमें प्रगति के मार्ग पर ले जाने का कार्य करती है।
ReplyDeleteकुछ व्यक्तियों को किसी दूसरे व्यक्ति की मदत करके खुशी मिलती है तो कुछ व्यक्ति को उसी के हाल पर छोड़कर या परेशान कर के। यह खुशी उसके पूर्व अनुभवों पर निर्भर करती हैं, क्योंकि मन ही करता, मन ही भरता।
खुशी यानी जो मन प्रसन्न होने के बाद व्यवहार सकारात्मक बदलाव के रूप में प्रदर्शित हो। प्रत्येक व्यक्ति खुशी को प्रथक तरीके से प्रकट कर सकता है।
ReplyDeleteJis kam ko karne me interest ho aur jise karne se achha lage wahi Khushi h
ReplyDeleteखुशी एक विचार है जो व्यक्ति की मानसिक पटल पर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है
ReplyDeleteजिस काम को करने से आंतरिक संतुष्टि मिलती है और हम अच्छा अनुभव करते है वही खुशी है ।यह शब्द स्वयं मे खुशी का एहसास कराता है।
ReplyDeleteखुशी स्वयं सम्पन्न किए गए कार्य का प्रतिबिम्ब है ।
ReplyDeleteहमारे कुछ मूलभूत गुण या प्रवृत्ति होती है ... जब कोई कार्य उनके अनुरूप होता है तो हम ख़ुशी महसूस करते हैं| चूँकि प्रत्येक व्यक्ति की ये मूलभूत प्रवृत्ति भिन्न है , अतः उनके खुश होने के कारण भी भिन्न होंगे |
ReplyDeleteजिन कार्य को पूरा करने हमें अच्छा अनुभव होता है वह खुशी है!
ReplyDeleteKhooshinekbhuman feelings h Jo hamate andar h or dusrobke prati Beauvoir Accha Hona chahiye
ReplyDeleteHappiness is best feelings
ReplyDeleteमुझे सबसे अधिक खुशी मिलती है जब बच्चों को जो पढ़ाया जाता है उसको बच्चे तुरन्त समझ जाते है और वो किसी विषय के बारे में पूछते है
ReplyDeleteखुशी शब्द अपने आप में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है ।
ReplyDeleteजब हम कक्षा में बच्चों को पडाते हैं वे उसे सिख जाते है तो उस ख़ुशी का ठिकाना नहीं
ReplyDeleteअपने मन के मुताबिक कार्य होने पर खुशी का अनुभव होता है
ReplyDeleteजब कोइ काम करके हमे अच्छा अनुभव होता है उसी को खुशी कहते है।
ReplyDeleteहम जब छात्रों को पढाते है उनकी सीखने की जिज्ञासा हमें अधिक खुशी प़दान करती है
ReplyDeleteहमारी मूलभूत प्रवृति एवं गुण हमारी किसी भावना को प्रकट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। हमारा अतीत भी इसे प्रभावित करता है। इसीलिए वही " खुशी" शब्द मेरे लिए कुछ और तो अन्य के लिए कुछ और है।
ReplyDeleteखुशी एक ऐसा अनुभव है जो एक अच्छी मानसिक स्थिति को दर्शाता है जब हम किसी कार्य को अच्छे ढंग से पूर्ण करते हैं तो हमें खुशी होती है ।
ReplyDeleteFor a teacher when his student understands the topic taught in a good way , he feels happiness
ReplyDeleteखुशी, एक मानसिक स्थिति है, खुशी के समय जीव अपने होने को सार्थक मानता है। इस स्थिति को प्राप्त करने का कोई मानदंड नहीं हो सकता । विसुद्ध रूप से मंह स्थिति है ।
ReplyDeleteAfter achieving success in our goal,we feel happy.It's called Khushi.
ReplyDeleteख़ुशी मन कि वो स्थिति है जो जो किसी भी कारण हो सकती है, अलग अलग परिस्थितियों में इसका कारण भिन्न भिन्न होता है.. कभी कभी ऐसा भी होता है कि एक काम को करने से हमको ख़ुशी मिलती है तो हम बार बार उस काम को करने का प्रयास करते हैँ। दूसरा प्रश्न ये कि यदि किसी अन्य व्यक्ति कि ख़ुशी का कारण हमारी ख़ुशी से नहीं मिलता,तो ये स्वाभाविक है क्यूंकि यह प्रत्येक व्यक्ति की परिस्थितियों पर निर्भर करता है कि वह कि उसे किन बातों से ख़ुशी मिलती है..
ReplyDeleteVery useful
ReplyDeleteअनुकूल कार्य होने पर खुशी होती है।
ReplyDeleteमेरे मायने में खुशी वह है जो किसी नीरसता, दुःख, अवसाद ऐसे कुछ कारण जिनके दूर होने पर जो एक सुकून मिलता है, मन हल्का हो जाता है ऐसा कुछ जिसे शब्दों में पूरी तरह से बयान नहीं कर सकते। हम से सामने वाले के खुशी पर विचार अलग हो सकते हैं, कारण परिस्तिथि, परिवेश । मैं किन बातों को अधिक महत्व देता हूँ, जिनका होना मेरे लिए महत्वपूर्ण है, कुछ समय के लिए मैं क्या उद्देश्य लेकर चल रहा हूँ।
ReplyDeleteखुशी एक प्रकर की अनुभूति है मेरे को खुशी मिलाती है जब बच्चों में आनंद याक शिक्षण करके उनके शिक्षण में गुणवत्ता का विकास हो
ReplyDeleteखुशी शब्द अपने आप में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है । और सकारात्मक सोच से मनुष्य हर विषम परिस्थितियों से भी बच कर निकल आता है
ReplyDeleteमुझे बहुत खुशी मिलती है जब किसी की खुशी का मैं भी कारण बन जाता हूँ । और अपनी कक्षा में तभी बहुत खुशी मिलती है जब मेरी कक्षा के बच्चों को मैं अपना topic अच्छी प्रकार से समझा पाता हूँ ।
ReplyDeleteखुशी का एहसास स्वयं को विशेष बना देता है l खुशी का वह पल हमे उस क्षण दुनिया का सबसे भाग्यशाली आदमी बना देता है l
ReplyDeleteख़ुशी शब्द सुनते ही सबसे पहले मस्तिष्क में आया वो सारी खुशियाँ जो अभी तक प्राप्त हुई है I यदि इस संदर्भ में किसी का मत अलग है तो हमें उसका मत जानना चाहिए और उसका भी समर्थन करना चाहिए I
ReplyDeleteख़ुशी एक आतंरिक अभिव्यक्ति है जो us प्रत्येक कार्य से मिलती है जो हम करना चाहते हैँ,
ReplyDeleteतय किये गए लक्ष्य की प्राप्ति पर होने वाली आनंदानुभूति ही खुशी है।
ReplyDeleteहर वह पल जो अपने परिवार के साथ बिताया जाए अपनों के साथ बताया जाए यह पल हमें अपने कार्य करने के लिए बहुत ज्यादा उत्साहित करते हैं और हमें ऊर्जा देते हैं इनसे हमें बहुत खुशी मिलती है और यह खुशी हम अपने विद्यालय के बच्चों को भी बांटते हैं लेकिन मैं व्यक्तिगत रुप ले अपने बच्चों से 300 किलोमीटर दूर हूं जिससे मैं चिंतित रहता हूं और मुझे खुशी नहीं मिल पाती और खुशी न मिलने के कारण मुझे अपने कार्य क्षेत्र में ऊर्जा नहीं मिलती है 11 साल से में इस खुशी के लिए इंतजार कर रहा हूं विभागीय उपेक्षा के कारण यह खुशी नहीं मिल पा रही है
ReplyDeleteखुशी एक बहुत ही अच्छा शब्द है। हर कोई व्यक्ति खुशी के लिए लालायित होता है। हम जो भी गतिविधि करते है। अपने नित्य जीवन मैं वो खुशी पाने के लिए करते है। खुशी अपनो के साथ रहने से,अपनो के बारे मैं सकारात्मक सोचने से और उनके लिए सब कुछ करने से खुशी मिलती है
ReplyDeleteखुशी दूसरो के लिए कुछ करने मे मिलती है वास्तविक खुशी है
ReplyDeleteआज मेरे और सबके लिए बहुत ही खुशी का दिन है आज क्योंकि ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के द्वारा हम समस्त भारतवासियों को खुशी का अवसर प्रदान किया है आज मैं ही नहीं पूरा देश खुशी से झूम रहा है और इस खुशी से स्वयं नीरज चोपड़ा झूम रहे हैं उनका परिवार झूम रहा है उनका गांव झूम रहा है सब लोग मगन हैं डांस कर रहे हैं और उनको देखकर मैं खुश हूं
ReplyDeleteखुशी मन की वह स्थिति है जिसमें कोई व्यक्ति कोई घटना कोई स्थान कोई परिस्थिति हमें उल्लास से भर देती है जहां तक खुशी पर परस्पर एक दूसरे के विचारों का प्रश्न है निसंदेह सब के विचार भिन्न-भिन्न होते हैं किंतु विचारों की भिन्नता के बावजूद खुशी की अनुभूति लगभग लगभग एक जैसी होती है कोई अधिक पाकर भी उतना कुछ नहीं होता जितना कोई अल्प पाकर खुश हो जाता है हमें विचारों की इस भिन्नता को स्वीकार करना चाहिए तथा एक दूसरे के विचारों का आदर और सम्मान करना चाहिए
'खुशी' शब्द व्यक्ति के मानसिक स्थिति पर निर्भर करती है। खुशी मनुष्य के जीवन में एक औषधी के रूप में काम करती है।जब हमारे सपने साकार रूप लेता है तो हमें आंतरिक खुशी मिलती है।
ReplyDeleteखुशी - व्यक्ति को जब आवश्यकता की छोटी सी चीज प्राप्त होती है, तो उसको बहुत खुशी होती है उसे बड़ी उपलब्धि मानता है लेकिन बिना आवश्यकता की बड़ी भी चीज उसको मिलती है तो उसको खुशी कम महसूस होती है।
ReplyDeleteखुशी एक मनोवस्था है, किसी कार्य के सम्पन्न होने पर जो अनुभूति होती है, वही खुशी है।
ReplyDeletenice topics are shared for students
ReplyDeleteखुशी एक पुर्णतः संतुष्टि की भावना है।
ReplyDeleteखुशी वह एहसास है जिसमें हमारे किए गए कार्य का परिणाम सकारात्मक मिलता है।
ReplyDeleteKhushi ek sbse skaratmak bhawna hei . Har vyakti apni mnsthiti aur aawshyakta ke anusar ise anubhaw krta hei.
ReplyDeleteParam jee t Kaur G.N.G.College Nanakmatta Nanakmatta 🌷🌷खुशी- खुशी का मतलब खुशी, मुस्कान, प्रसन्नता,डिलाईट और ईच्छा।
ReplyDeleteखुशी जीवन में आनंद और अर्थ समग्र अनुभव होना ही खुशी है। खुशी वह शब्द जिसने मानव जीवन में हर कार्य को दुःख-सुख में प्रभावी ढंग से किया है।
कक्षा में अध्ययन के विषय में खुशी का गुण
बहुत महत्वपूर्ण है।🌷🌷
खुशी शब्द एक अनुभूति है l जो हमारी भावनाओं को व्यक्त करती है l खुशी हमेशा किसी अच्छे कार्य के लिए ही होती हैं l
ReplyDeleteFor me happiness means my children and my work of teaching. I would be happiest if I can do both things together -teaching and taking care of my children.
ReplyDeleteKhushi Ek Anubhuti hai Jo Hamare antarman Ko Anandit kar deti hai.
ReplyDeleteHappiness is the state of mind. In similar situation, one person is happy but another remains unhappy.
ReplyDeleteअपने विद्यार्थी के प्रथम आने पर।
ReplyDeletekhushi ek anubhuti hai jo hamare antar man ko anandit kar deti hai.
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