कोर्स 12 : गतिविधि 3 : विभिन्न उद्देश्यों के लिए खिलौनों का उपयोग - अपने विचार साझा करें
‘खिलौना आधारित शिक्षाशास्त्र’ को लागू करने की प्रक्रिया में कई खिलौने बनाए जाते हैं। कक्षा-सत्र के बाद आप सभी बनाए गए खिलौनों का प्रभावी ढंग से उपयोग कैसे कर सकते हैं?
चरण राज्यों द्वारा निर्मित किए जाएंगे।
खिलौना आधारित शिक्षाशास्त्र
ReplyDeleteठीक है बच्चे अच्छा समझते है।
Deleteहमें हर बच्चे के सीखने की भिन्नता को ध्यान मे रखकर टीचिंग विधि का प्रयोग करना चाहिये
DeleteWith the help of toys students learn alot and this is very attractive and creative way to make the learn about any topic
DeleteMaths अछि तरह समझ सकते ह बच्चे खिलोने के माध्यम से
DeleteToys are very good tool in learning.Students learn easily by seeing and playing with toys.
DeleteThis is very useful for teaching in the schools when the students are coming we are using the traditional method but when we used the art integrated techniques the students and the teacher can interact more effectively then previous methods because it connects the lesson with the students real experiences and the art is one thing by which we can learn permanently this district raining I am very much learning many things
ReplyDeleteVery interesting and concept clearing story. Useful for teachers.
ReplyDeleteCorrect🌝
ReplyDeleteCorrect
ReplyDeleteअसली खेल शास्त्र का जो उद्देश्य है वह यही है कि बच्चों को सरल तरीके से हम कोई भी कांसेप्ट समझा सके और मेरे विचार से यह तरीका बहुत अच्छा है।
ReplyDeleteखेल खेल में शिक्षा के लिए फ्रोबेल की शिक्षा पर आधारित नियमो से बच्चों को सिखाना
ReplyDeleteTeach with events.
Deleteकहानी के माध्यम से हमने सीखा कि प्रत्येक छात्र/छात्रा में एक कला छिपी होती है।उस कला को पहचानकर ,उसे उसी कला के परिप्रेक्ष्य शिक्षण विधि बदलकर सीखने का अवसर प्रदान करना चाहिए।
Deleteजानवरों की कहानी नामक गतिविधि से हमने यह सीखा हर विद्यार्थी के अंदर अलग-अलग गुण होते हैं हमें उसके अंदर के टैलेंट को पहचान कर ही अपनी सिखाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए
ReplyDeleteसत्य है।
Deleteयह एक उत्तम विधि है
ReplyDeleteयह एक उतम विधि है
ReplyDeletePlay way is the best method for learning.
ReplyDeleteखिलौनों से सीखना छात्रों के लिए एक उत्तम विधि है इससे बच्चे अपने पाठ्यक्रम को खेल-खेल में पूर्ण कर लेते हैं स्तर पर पाठ्यक्रम संबंधी खिलौनों का होना जरूरी है इसके लिए विद्यालय स्तर के साथी सरकारी स्तर से भी पाठ्यक्रम संबंधी खिलौनों के लिए अनुदान दिया जाना आवश्यक है ताकि शिक्षक खिलौनों के माध्यम से बच्चों के लिए सहज और सरल विधि से पाठ्यक्रम को पूर्ण कर सकें जिससे उनका मानसिक शारीरिक व बौद्धिक विकास हो सकता है
ReplyDeleteIt is very helpful
ReplyDeleteVery nice information
ReplyDeleteखिलौनों के माध्यम से बच्चों को रोचक तरीके से समझाया जा सकता है इसलिए खेल खिलौनों का प्रयोग छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए जरूर करना चाहिए
ReplyDeleteTeacher Learning Material
ReplyDeleteखेल के माध्यम से अधिगम को और भी अधिक सुगम तथा मनोरंजक बनाया जा सकता है।
ReplyDeleteखिलौनौ के माध्यम से बच्चे खेल खेल मे अपना पाठ्यक्रम को पूरा कर लेते है। यह अधिगम का एक रोचक माध्यम है। यह बहुत अच्छा और लाभदायक है।
ReplyDeleteखिलौने के माध्यम से सीखने का कार्य सरल हो जाता है और विद्यार्थी सीखने में रुचि लेने लगता है।
Deleteखेल खेल के माध्यम से बच्चों की शिक्षा और अधिक सरल सुगम ar स्थाई बनाई जा सकती हैं
ReplyDeleteIts play to learning
ReplyDeleteखिलौनों द्वारा बच्चों को समझने में काफी आसानी होती हैं खेल खेल में ही बच्चे काफी कुछ चीजें सीख जाते हैं चाहे वह विज्ञान ,गणित या कला विशेष शिक्षण कार्य हो।
ReplyDeleteLearning will be joyful.
ReplyDeleteStudents will enjoy the learning.will be in receiving mood
ReplyDeleteकोरोना काल में छात्रों को ऑनलाइन शिक्षण मोबाइल के द्वारा दिया गया और उनको समझाया गया कि कोरोना काल में किस प्रकार से आप अपने को सुरक्षित रख सकते हैं और दूसरों को भी सुरक्षित रख सकते हैं।
ReplyDeleteखिलौनों के माध्यम से छात्रों को शिक्षित करना एवं खेल खेल में शिक्षा के बारे में बताना खिलौनों पर कहानी बनाना जिससे कि बच्चे आसानी से समझ सके।
ReplyDeleteखिलौना आधारित शिक्षाशास्त्र
ReplyDeleteखेल विधि द्वारा शिक्षा को अधिक सरल और शुगम बनाया जा सकता है
ReplyDeleteKhel Vidhi dwara Shiksha ko Adhik Saral aur Sugam Banaya Ja sakta hai
ReplyDeleteखेल और मनोरंजन से अच्छी शिक्षा मिल सकती है I
ReplyDeleteइसमें सभी ज्ञानेन्द्रियो का उपयोग होता है। जिससे अधिकाधिक सीखने में मदद मिलेगी
ReplyDeleteखेल विधि व खिलौनों के प्रयोग के माध्यम से सभी ज्ञानेन्द्रियों के विकास में सहायता मिलती है। एक खिलौने के माध्यम से कई विषयों को जोड़ा जा सकता है। विषय को अधिक सरलता से स्पष्ट किया जा सकता है। बच्चों को आनंद भी आएगा।
ReplyDeleteयह एक बहुत ही उपयोगी तकनीक है जो शिक्षण उद्देश्यों को पूर्ण करने में बहुत सहायक है। करोना काल में जब हम पहले से चले आए संसाधनों का शिक्षण के लिए उपयोग नहीं कर सकते तब कला समेकित शिक्षण के माध्यम से अध्यापकों और छात्रों के लिए विषयों को समझना आसान हो गया है । इसी के अंतर्गत खिलौना विधि ने शिक्षण को मजेदार बना दिया है।
ReplyDeleteखिलौनों के प्रयोग से शिक्षण को रुचिकर,सुगम और प्रभावशाली बनाने में सहायता मिलती है।
ReplyDeletehttps://nishtha-secondary.blogspot.com/2021/11/12-3_22.html?m=1
ReplyDeleteखिलौनों के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देना, शिक्षण कार्य को न केवल रुचिकर बनाता है बल्कि नन्हें शिक्षार्थियों मे शिक्षा और ज्ञान के प्रति रुचि जाग्रत करता है
शिक्षा देने से मनोरंजन होता है बच्चों में काल्पनिक विकास होता है यह क्रिया धारी शिक्षा है बच्चे अपनी सभी ज्ञानेंद्रियों का प्रयोग करना सीखते हैं उन्हें परीक्षण क्षमता का विकास होता है खिलौनों का प्रयोग करना सीखते हैं।
ReplyDeleteतकनिक से बच्चे अपनी सभी ज्ञानेंद्रियों का प्रयोग करना सीखते हैं उन्हें परीक्षण क्षमता का विकास होता है खिलौनों का प्रयोग करना सीखते हैं, सही है ।
ReplyDeleteखिलौना आधारित शिक्षा शास्त्र को लागू करने की प्रक्रिया में छात्राओं को खेल विधि के माध्यम से जब शिक्षा प्रदान की जाती है तो वह अधिक प्रभावी और स्थाई होती है lखेल के द्वारा शिक्षा प्रदान छात्राओं के हित के लिए एक उत्तम विधि है खेल प्रणाली छात्रों के स्तर के अनुरूप ही निर्मित की जानी चाहिए ताकि वे अपनी अधिगम के अनुरूप अति शीघ्र सीख सकेंl
ReplyDeletekhelona aadharit shikshan mein jab vidyarthiyon ko sikhane ki prakriya se joda jata hai to unka Gyan adhik paripakva hota hai chhatron ke star ke anusar iska prayog Kiya jana atyant upyogi hai
ReplyDeleteकहानी सूनाकर अलग अलग चीजो का इस्तेमाल करके समाझाना आसान हो जाता है
ReplyDeleteToys are the best ways to keep students attracted and engaged. With the help of toys we can encourage them to develop various skills and creativity in the students.
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